
भारत के लड़ाकू क्षमता वाले देशी ड्रोन रुस्तम-2 ने पहला सफल परीक्षण पूरा कर लिया है जिससे मानवरहित वायुयान के भारत के विकास कार्यक्रम को प्रोत्साहन मिला है.
डीआरडीओ ने तापस 201 (रुस्तम) का सफल परीक्षण किया जो मध्य उंचाई पर लंबी अवधि का मानवरहित विमान है . यह 24 घंटे तक उड़ान भर सकता है और देश के सशस्त्र बलों के लिए टोही मिशन का काम कर सकता है. इस मानवरहित यान को अमेरिका के प्रिडेटर ड्रोन की भांति मानवरहित लड़ाकू यान के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है.
परीक्षण बंगलुरू से करीब 250 किलोमीटर दूर चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में किया गया जो मानवरहित यानों एवं मानवविमानों के परीक्षण के लिए नवविकसित उड़ान परीक्षण स्थल है. तापस 201 का डिजाइन और विकास डीआरडीओ की बंगलुरू की प्रयोगशाला एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट और एचएएल-बीईएल ने मिलकर किया है.
इसका वजन दो टन है और डीआरडीओ के युवा वैज्ञानिकों की टीम ने इसका परीक्षण किया. इसमें सशस्त्र बलों के पायलटों ने सहयोग किया.