
भदोही हादसे का सच सामने आने लगा है. बच्चो की मानें तो गाने के शौकीन ड्राइवर को न सिर्फ गाड़ी चलते वक्त गाने सुनने का शौक था, बल्कि ट्रेन के सामने से तेजी से गाड़ी निकालने का भी जूनून था. भदोही के औरई थाना क्षेत्र में कैयरमऊ मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर हुए इस हादसे में 9 बच्चों की मौत हो गई थी.
सोमवार को जिस वक्त ये घटना घटी उस समय कई गाड़ियां मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर रुकी हुई थी. तेजी से आ रही टाटा मैजिक को वहां खड़े लोगों ने रोकने की कोशिश भी की, लेकिन ट्रेन को पछाड़ने के जुनून में ड्राइवर ने सभी बच्चों की जिंदगी दांव पर लगा दी.
बच्चों ने सुनाई आपबीती
भदोही के जीवन दीप अस्पताल में जीवित बचे बच्चों ने जब ये आपबीती बताई तो रोंगटे खड़े हो गए. चश्मदीदों के मुताबिक आखिरी क्षणों में ड्राइवर ने वैन से कूदकर भागने की कोशिश की लेकिन वो खुद भी ट्रेन की चपेट में आने से नहीं बच सका. इस हादसे में दूसरे बचे बच्चे आर्यन ने बताया कि वो बच्चों की नहीं सुनता था और अपने मन की करता था.
जिद ने बुझाए कई चिराग
अस्पताल में इलाज करा रही अंजली ने कहा कि ड्राइवर हाशिम हर रोज बच्चो से कहता था कि डरने की बात नहीं वो ट्रेन से पहले निकल जाएगा. यही नहीं वो ये भी कहता कि मोबाइल का गाना खत्म होने से पहले वो स्कूल में पंहुचा देगा. बच्चो को लेकर मौत से खिलवाड़ की ऐसी कहानी किसी ने नहीं सुनी होगी लेकिन ड्राइवर के दुस्साहस ने कई परिवारों के चिराग बुझा दिए. माताओं की कोख सुनी कर दी.
भदोही के कैय्यर मऊ रेलवे क्रासिंग पर हुए हादसे का चश्मदीद है इस गेट का गेटमैन रुकेश कुमार. 'आज तक' ने जब रुकेश से बात की तो उसने बताया कि ट्रेन जब 500 मीटर दूर थी तो ये करीब 100 मीटर पर था, वो काफी तेजी से लेकर आया लेकिन हादसा हो गया. कई लोगों ने ड्राइवर को रोकने की कोशिश की लेकिन वो नहीं माना. कई बार तो गांव के प्रधान ने डांटा लेकिन वो नहीं माना.