
कानपुर में गंगा के किनारे भैरो घाट पर नम आंखों के साथ उन्हें अंतिम सलामी दी गई. डीएसपी देवेंद्र मिश्रा की बेटी वैष्णवी ने अपनी आंखों से अपने पिता को पंचतत्व में विलीन होते देखा. वैष्णवी और वैशारदी ने अपने हाथों से अपने पिता की चिता को अग्नि दी.
गुंडों को वहीं भेजूंगी, जहां से उनका वास्ता है
इस हादसे के बाद वैष्णवी के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है. अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस बात करते हुए वैष्णवी कहती है कि अब वो डॉक्टर बनने के सपने को छोड़कर पुलिस ऑफिसर बनना चाहती है. 21 साल की वैष्णवी ने कहा कि अब वो अपने पिता की तरह पुलिस अधिकारी बनना चाहती है. विकास दुबे और उसके गुर्गों के लिए आंखों में अंगारे लिए वैष्णवी ने कहा कि मैं इन गुंडों को वहीं भेजूंगी जहां उन्हें होना चाहिए. वैष्णवी बीएससी फाइनल इयर की छात्रा हैं.
वैष्णवी ने कहा कि उन्हें अपने पिता के सर्वोच्च बलिदान पर गर्व है. उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मांग की कि इन अपराधियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए.
वैष्णवी की छोटी बहन वैशारदी 12 की छात्रा है. उन्होंने कहा कि वे सिविल सर्विस ज्वाइन करना चाहती हैं. दोनों बहनों ने कहा कि वे दोनों मिलकर अपने पिता के सपनों को पूरा करेंगी.
पढ़ें- अवैध शराब का धंधा, राशन कोटे पर कब्जा, ऐसे चलता था विकास दुबे का साम्राज्य
कॉन्स्टेबल के रूप में थी पापा की पहली बहाली
वैष्णवी ने कहा कि वे इस मामले में सीबीआई जांच चाहती हैं. वैष्णवी ने कहा, "पूरा पुलिस विभाग मेरे पिता की बहादुरी को जानता था. उन्होंने कलुआ गैंग का खात्मा किया था. उन्होंने बतौर कॉन्स्टेबल अपनी नौकरी शुरू की थी और सब इंस्पेक्टर की परीक्षा पास की और डीएसपी के पोस्ट तक पहुंचे आउट ऑफ टर्न प्रमोशन लेकर, क्योंकि वे अच्छा काम करते थे." 59 साल की उम्र में उनका जोश और बहादुरी देखते ही बनती थी. वैष्णवी कहती है कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
बता दें कि डीएसपी देवेंद्र मिश्रा यूपी पुलिस के उन 8 शहीद जवानों में शामिल हैं जो गैंगस्टर विकास दुबे के घर में दबिश देने को गई थी.
विकास दुबे को पुलिस रेड की सूचना किसने दी
रविवार को कानपुर के स्वरूप नगर में जहां शहीद डीएसपी देवेंद्र मिश्रा का निवास स्थान है. गम और गुस्सा के अलावा एक और सवाल लोगों के मन में था. लोग ये जानना चाह रहे थे कि आखिर विकास दुबे को पुलिस रेड की सूचना किसने दी? रेड से पहले गांव की बिजली क्यों और किसके कहने पर काट दी गई?
पढ़ें- कानपुर कांड की जड़ में था छह बीघा जमीन का झगड़ा, घटना के बाद से फरियादी भी गायब
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक देवेंद्र मिश्रा के परिवार का कहना है कि उन्होंने पहले भी अपने एक जूनियर ऑफिसर की अनुशासनहीनता को लेकर शिकायत की थी. बता दें कि कानपुर शूटआउट के इस मामले में चौबेपुर के दारोगा विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है और इस मामले में उनकी मिलीभगत की जांच की जा रही है.