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अनिवार्य हिंदी टेस्ट यानी CHT को लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र परेशान हो रहे हैं. दरअसल, कुछ कॉलेजों ने इस टेस्ट के लिए नोटिस लगा दिए हैं. साथ ही इस टेस्ट के लिए सेमिस्टर के अंत का समय भी निश्चित कर दिया है.
गौरतलब है कि पिछले साल ये खबर आई थी कि DU में हिंदी टेस्ट को पास किए बिना किसी छात्र को डिग्री नहीं मिलेगी. इसके बाद वो छात्र बहुत परेशान हो गए थे जो नार्थईस्ट के हैं और जिनकी हिंदी अच्छी नहीं है. साथ ही कई छात्र ऐसे भी थे, जिन्होंने कक्षा 8 के बाद हिंदी पढ़ी ही नहीं है.
अब खबर आई है कि इस एग्जाम के लिए कॉलेजों ने नोटिस लगा दिया है. इनमें सबसे ऊपर नाम सत्यवती (ईवनिंग) कॉलेज का है, जिसने सबसे पहले 14 सितंबर को ये नोटिस लगाया था.
नोटिस में लिखा गया है, 'फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड ईयर के छात्रों को सूचित किया जाता है, जिन्होंने कक्षा 8, 10 या 12 में हिंदी नहीं पढ़ी है, उन्हें अनिवार्य CHT परीक्षा देनी होगी. इसे पास करने के बाद ही उन्हें डिग्री सर्टिफिकेट दिया जाएगा.'
बता दें कि पिछले साल हिंदी डिपार्टमेंट ने कहा था कि कॉलेज ऐसे छात्रों की पहचान करें, जिन्होंने कक्षा 8 के बाद हिंदी नहीं पढ़ी हो और उनके लिए एक कोर्स शुरू किया जाए. जिससे वे जब यूनिवर्सिटी से पढ़कर निकलें तो उन्हें बेसिक हिंदी की नॉलेज हो. इस प्रपोजल को एकेडमिक काउंसिल ने जुलाई 2016 में पास कर दिया था. पर इस फैसले का छात्रों ने विरोध किया और इसे पिछले साल लागू नहीं किया जा सका था.
इस एग्जाम को लेकर कन्फ्यूजन तब बढ़ गई थी जब डीयू की एकेडमिक काउंसिल ने पहले इस एग्जाम से मणिपुर, सिक्किम, नागालैंड, मिजोरम और खासी के छात्रों को राहत दे दी थी.
अब इस नए सर्कुलर से छात्र समझ नहीं पा रहे हैं कि किन्हें परीक्षा देनी होगी और किन्हें नहीं. हालांकि कुछ कॉलेज जैसे दयाल सिंह कॉलेज ने पहले ही इस कोर्स को पढ़ाना शुरू कर दिया है. रामजस कॉजेज ने CHT को फर्स्ट ईयर BA स्टूडेंट्स के लिए अनिवार्य किया है.