
दिल्ली यूनिवर्सिटी के युवा वैज्ञानिक इस गर्मी में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की प्रयोगशाला में रोबोट प्रोग्रामिंग करने में व्यस्त हैं. इसका सुरक्षित संचार के लिए जंग और इमेज इनक्रिप्शन स्कीम में इस्तेमाल होगा.
डीयू के क्लस्टर इनोवेशन सेंटर में छात्रों के दो समूह डिफेंस टीरेन रिसर्च लेबोरेट्री (DTRCL) और साइंटिफिक एनालाइसिस ग्रुप (SAG) प्रयोगशाला में काम कर रहे हैं.
छात्रों का दिशा-निर्देशित कर रहे सीआईसी की एक प्रोफेसर ने कहा, 'मैथमैटिकल इनोवेशन में बीटेक कर रहे 10 छात्रों का पहला समूह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बारे में सीख रहा है. टीम जंग में इस्तेमाल होने वाली रोबोट प्रोग्रामिंग कर रही है.' उन्होंने बताया कि इसी पाठ्यक्रम से तीन छात्रों का दूसरा समूह इनक्रिप्शन स्कीम विकसित करने के लिए एसएजी प्रयोगशाला में काम कर रहा है.
इनपुट: भाषा
प्रोफेसर ने बताया कि दुनिया भर में बड़ी मात्रा में डिजीटल इमेज और मीडिया उपकरणों के कारण हाल के दिनों में इमेज सुरक्षा की जरूरत पर ध्यान गया है.
सीआईसी के निदेशक एमएम चतुर्वेदी ने बताया, 'डीआरडीओ वैज्ञानिकों और विभाग के बीच जानकारी आदान प्रदान करने के वास्ते डीयू और डीआरडीओ ने वैज्ञानिक परियोजनाओं के लिए एक आपसी पूरक तालमेल बनाया है. जिसके तहत छात्रों को कई प्रोजेक्ट करने होते हैं.'