
मोदी सरकार 2.0 का एक साल पूरा हो चुका है. इस मौके पर आयोजित आजतक के खास कार्यक्रम e-एजेंडा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शिरकत की. योगी आदित्यनाथ ने e-एजेंडा आजतक के 'डबल इंजन सरकार...कितना असरदार' सत्र में भाग लिया और अपनी राय रखी.
प्रवासी कामगारों के मुद्दे पर बात करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने प्रवासी कामगारों की समस्याओं के निराकरण और उनके समायोजन के लिए एक आयोग गठित किया है. इसके साथ ही उद्योगों का सर्वे करने, उनके संगठनों से बात करके रोजगार की गारंटी को आगे बढ़ाया. कल ही हमने कई संगठनों के साथ एमओयू किया है. 11 लाख लोगों को समायोजित किया जाना है. इनके जॉब की पूरी गारंटी है. जो लोग आ रहे हैं उनकी स्किल मैपिंग लगातार चल रही है. इनकी जहां जरूरत पड़ेगी. उनकी स्किल ट्रेनिंग कराकर इंडस्ट्रियों को उपलब्ध करवा देंगे. मेरा मानना है कि 30 लाख लोग नहीं बल्कि हर लौटे प्रवासी को रोजगार मिलेंगे.
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30 लाख प्रवासी कामगार जो वापस यूपी आया है हमारा इंतजाम है कि इन सभी को यूपी में ही रोजगार मिल जाए. हमारा कार्य इसी दिशा में है. इसके लिए इनका स्किल डेवलपेंट करना और सामाजिक सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी गारंटी है. उसे सम्मानजनक ढंग से आगे बढ़ने का मौका दे रहे हैं. आज के दिन हमारे पास अकेले मनरेगा में प्रतिदिन 40 लाख लोग काम कर रहे हैं. नौकरी और रोजगार की कमी यूपी में नहीं पड़ेगी.
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एनसीआर से मजदूरों के पलायन पर बात करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा हमने एनसीआर से आए लोगों को इसमें काउंट नहीं किया है. इसमें उन लोगों को काउंट किया गया है जो दूसरे राज्यों से आए हैं. यूपी में पलायन बहुत कम हुआ है. सरकार ने लॉकडाउन के दौरान 95 फीसदी उद्योगों में मानदेय दिलवाने का काम करवाया था. हर एक को सुरक्षा देने का कार्य किया गया है. सबके खाद्यान्न की व्यवस्था की गई. हमारी 119 चीनी मिलें चलती रहीं, 12 हजार से अधिक ईंट भट्टे चलते रहे, ढाई हजार से ज्यादा कोल्ड स्टोरेज लगातार चलते रहे जहां लाखों की संख्या में लोग काम करते रहे. लॉकडाउन के तीसरे चरण में हमने जो फैक्ट्रियां खोलीं आज वहां 25 लाख से अधिक श्रमिक और कामगार काम कर रहा है.
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योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि परेशानी यूपी में नहीं है. परेशानी बाहर थी जहां लोगों को संक्रमण का खतरा लगा, खाने-पीने की समस्या हुई तो उन्हें लगा कि घर जाना बेहतर होगा. वहां से समस्या शुरू हुई. लेकिन हम आभारी हैं रेलवे के जिन्होंने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाईं और उन्हें सकुशल घर पहुंचाने में राज्य सरकारों की मदद की. यूपी को बहुत लाभ हुआ. हम सभी प्रवासियों को वापस लाने में कामयाब रहे. जो बचे उन्हें एक हफ्ते के भीतर वापस ले आया जाएगा.