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मोदी सरकार 2.0 के एक साल पूरे होने पर आयोजित e-एजेंडा आजतक में अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शिरकत की. 'सबका साथ, सबका विकास. कितना विश्वास?' सत्र में नकवी ने सरकार और अपने मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाईं और वर्तमान परिस्थियों के साथ ही अन्य सवालों के भी बेबाकी से जवाब दिए.
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मुख्तार अब्बास नकवी ने 2019 के चुनाव को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि तब हमने 75 संकल्प लिए थे. एक साल में ही 43 संकल्प पूरे कर लिए हैं. उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक, राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प भी इसी संकल्प का हिस्सा था. गंगा की सफाई के लिए जलशक्ति मंत्रालय बनाने का संकल्प पूरा किया. आयुष्मान योजना, किसान सम्मान निधि, हर नागरिक का बैंक खाता खुले, ये सभी संकल्प पूरे किए. हमने कोई काम चोरी-चोरी, चुपके-चुपके नहीं किया.
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सबके विश्वास को लेकर सवाल के जवाब में नकवी ने कहा कि मसला मुसलमानों का नहीं, देश का है. इस्लामोफोबिया पर उन्होंने कहा कि इस देश में ही रहकर एक तबका देश की तस्वीर खराब करने में लगा है. ये हिस्ट्रीशीटर लोग हैं. इनकी हिस्ट्री ऐसी साजिशों से भरी पड़ी है. नकवी ने कहा कि हमें इससे आश्चर्य नहीं. प्रधानमंत्री के आह्वान पर करोड़ो लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ी, जनता कर्फ्यू का पालन किया. इन्हें ये चीजें हजम नहीं हो रहीं.
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दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के जलजला आ जाने संबंधी बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर नकवी ने कहा कि वे दिल्ली सरकार के कर्मचारी हैं. हमारे अप्वाइंटी होते तो हटा दिए होते और जेल की सींखचों के पीछे भी होते. जो कार्रवाई की जानी थी, की भी गई. दिल्ली की सरकार के आगे घुटने टेक देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि देश संघीय ढांचे से चलता है. केंद्र को जहां एडवाइजरी देनी होती है, दी ही जाती है. उसे सार्वजनिक करना है या नहीं, उस हिसाब से निर्णय लिया जाता है.