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चीनी वस्तुओं का बहिष्कार जनभावना है, सरकारी नीति नहीं: राम माधव

आजतक के खास कार्यक्रम सुरक्षा सभा के सत्र मोदी है तो मुमकिन है में देश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने अपनी बात सामने रखी. उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों और सुरक्षा की दृष्टि से इस सरकार के दो कार्यकालों में उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताया.

राम माधव (फाइल फोटो- आजतक) राम माधव (फाइल फोटो- आजतक)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2020,
  • अपडेटेड 5:06 PM IST

  • भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने भारत-चीन विवाद पर रखी अपनी बात
  • राम माधव बोले- सरकार की नीति आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाने की है

भारत-चीन के बीच लंबे समय से लद्दाख बॉर्डर पर वास्तविक सीमा रेखा (LAC) के पास तनाव की स्थिति बनी हुई है. इसे कम करने के लिए दोनों देशों के शीर्ष सैन्याधिकारी वार्ता कर रहे हैं. देश के नंबर वन चैनल आजतक ने भी शनिवार को अपने खास कार्यक्रम ‘सुरक्षा सभा’ में भारत की सीमाओं पर मौजूदा तनाव और देश की ताकत का जायजा लेने के लिए विशेष मेहमानों को आमंत्रित किया. इन मेहमानों में राजनेताओं से लेकर सुरक्षा विशेषज्ञ और पूर्व सेनाधिकारी मौजूद रहे.

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कार्यक्रम के सत्र 'मोदी है तो मुमकिन है' में देश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने अपनी बात सामने रखी. उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों और सुरक्षा की दृष्टि से इस सरकार के दो कार्यकालों में उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताया. इस सत्र का संचालन आजतक के एंकर रोहित सरदाना ने किया.

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चीन के साथ तनाव पर संयम के साथ बात रखने की जरूरत: राम माधव

राम माधव ने कहा कि चीन के साथ चल रहे तनाव को सुलझाने के लिए सेना के स्तर पर वार्ता चल रही है. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के मीडिया की ओर से इस मामले में अपना-अपना पक्ष रखा जा रहा है, लेकिन इस मामले पर संयम के साथ वार्ता करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि डोकलाम मामले के बाद भारत ने अपनी विदेश नीति का परिचय दिया है. उन्होंने कहा कि भारत मजबूती के साथ खड़ा भी रहेगा और इसी तरीके से अपना पक्ष भी रखेगा.

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'चीनी सामान का बहिष्कार करने की नीति सरकारी नहीं जनता की भावना'

चीनी सामान के बहिष्कार के मामले पर राम माधव ने कहा कि यह जनता के मन की भावना है. सरकार की ओर से ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है और न ही ऐसी कोई नीति तय की गई है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आत्मनिर्भरता की बात की है और इस पर हम अडिग हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भर होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि चीन के आक्रामक व्यवहार के कारण भारतीयों के अंदर चीन के सामान का बहिष्कार करने की भावना आई है. उन्होंने कहा कि प्यू सेंटर की रिपोर्ट में तो यह सामने आया कि इस समय चीन के रवैये के खिलाफ दुनिया भर में भावनाएं उग्र हुई हैं. चीन को इस बारे में सोचना चाहिए. राम माधव ने कहा कि हम अपने पड़ोसियों के साथ न्यायपूर्ण और सौहार्दपूर्ण रखना चाहते हैं, चाहे वह पाकिस्तान हो या चीन. इसका यह आशय भी है कि अगर हमारे साथ अन्याय हुआ तो हम न्याय करने में सक्षम हैं.

पढ़ें- दबाव में है चीन, डिप्लोमैट दे रहे हैं मूर्खों जैसे बयान: रक्षा विशेषज्ञ

राम माधव बोले- विपक्ष सुरक्षा के मामले में न करे राजनीति

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि विपक्ष को चीन के मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे पहले 2013 में चीन की ओर से सीमा पर अतिक्रमण हुआ था. जब करीब तीन हफ्तों तक चीन की सेना की ओर से विवादित जमीन पर तंबू गढ़कर बैठे रहने जैसी खबरें सामने आई थीं. लेकिन हमने ऐसी राजनीति नहीं की कि आपके समय में चीन कितनी दूर तक अंदर आ गया और हमारे समय में कितना. उन्होंने कहा कि हम विपक्ष में रहते हुए सरकार के साथ मजबूती से खड़े थे. इस समय भी विपक्ष को राजनीति से दूर रहना चाहिए.

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