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e-Mind Rocks 2020 में बाहुबली फिल्म में भल्लालदेव का किरदार निभाकर फेमस हुए साउथ स्टार राणा दग्गुबाती ने अपने करियर, शादी, प्रोडक्शन हाउस के साथ-साथ नेपोटिज्म पर चल रही बहस के बारे में बात की. उन्होंने तमान सवालों के जवाब दिए, जिसमें कई बातें निकलकर आईं. आइए आपको बताते हैं राणा दग्गुबाती ने क्या कहा.
कैसे संभाल रहे हैं परिवार का प्रोडक्शन हाउस?
राणा दग्गुबाती ने बताया कि कैसे वे अपने परिवार के प्रोडक्शन हाउस के साथ काम कर रहे हैं. वे बढ़िया कंटेंट को लाने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने कहा- मेरे दादा और पिता प्रोड्यूसर हैं और हम हैदराबाद में अपने स्टूडियो चलाते हैं. हम सालों से काटेंट बनाते और नए टैलेंट तलाश करते आ रहे हैं. इस समय सारे विशेषाधिकार बेकार हैं. क्योंकि हमें काम करना है. नेपोटिज्म की बात यहां पर काम नहीं करती, हम तो यह ओवरटाइम कर रहे हैं. जब आपके कंधों पर एक बड़ी कंपनी को चलाने का जिम्मा होता है तो बात अलग होती है. थिएटर के बिजनस से हमारी ज्यादातर कमाई होती है और अब वो इस समय तो नहीं होने वाला. दुनिया को कंटेंट चाहिए और हमें ये सुनिश्चित करना है कि जो टैलेंट हमारे पास है वो दुनिया तक पहुंचे. ये हमारा काम है.
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नेपोटिज्म की बहस पर राणा ने रखे अपने विचार
सुशांत सिंह राजपूत के जाने के बाद सोशल मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म की बहस एक बार फिर जोरों पर है. इसके बारे में राणा दग्गुबाती ने अपने विचार रखते हुए कहा- बिना टैलेंट के आप इंडस्ट्री में नहीं टिक सकते. नेपोटिज्म एक भारतीय सोच के साथ आता है कि असल में परिवार क्या है. अगर आपके पिता है, जो कड़ी मेहनत करते है तो ये बात साफ है कि वो आपके परिवार को चलाएंगे. इस बात को वो आपको कैपिटल और ज्ञान के जरिए समझाएंगे. तो ये आपको विशेषाधिकार का हिस्सा बनाता है. मैं उस रास्ते पर नहीं चल सकता. वो बड़ी जिम्मेदारी के साथ आता है. लॉकडाउन में हमें 600 कर्मचारियों की कंपनी को चलाना है और उन्हें सैलरी भी देनी है. हमें इस बात पर ध्यान देना है कि कंपनी जल्द अपने पैरों पर वापस खड़ी हो जाए. इससे हमेशा एक जिम्मेदारी जुड़ी रहती है. और आपके पास इसे छोड़ देने का ऑप्शन नहीं है. आपको रोज और बेहतर काम करके दिखाना है.
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सोशल मीडिया पर मिलने वाले नफरत पर बोले राणा
सोशल मीडिया पर अक्सर स्टार्स और फिल्मकारों को कुछ ना कुछ सुनने मिलता है. ट्विटर को सबसे ज्यादा नफरत फैलाने का सोशल मीडिया माध्यम भी कहा जाता है. इस बारे में राणा दग्गुबाती ने कहा- सोशल मीडिया एक ऐसी जगह है जहां अपनी बात रखने के लिए आपको पैसे नहीं देने पड़ते. आप कुछ भी किसी को भी कह सकते हैं. किसी की ही भावनाओं को नफरत भरी बात कहकर ठेस पहुंचा सकते हैं. इसे किसी को सीरियस नहीं लेना चाहिए. आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि सोशल मीडिया आपकी जिंदगी पर कितना कम असर डालता है. आप अपना काम सही से करें, क्रिएटिव रहें. मैं तो इसी में भरोसा रखता हूं.