
बीआर चोपड़ा की महाभारत में द्रौपदी का किरदार काफी मजबूत दिखाया गया. इसे बेहद खूबसबरती से फिल्माया गया. ये रोल रूपा गांगुली ने निभाया था. अब रूपा गांगुली ने ई-साहित्य आजतक में बातचीत के दौरान द्रौपदी के किरदार और चीर हरण सीक्वेंस के बारे में बताया.
क्या बोलीं रूपा गांगुली?
रूपा ने कहा- 'मैं थोड़ी सी जिद्दी हूं, थोड़ी सी सहासी हूं. जो सही लगता है वहीं बोलती हूं. बचपन से मेरी आदतें वैसी ही रही हैं, जैसी द्रौपदी की जो हिम्मत है, सीधा बोलने की जो आदत रही है. मेरे में भी बचपन से वो ही सब रहा है. इसी कारण मैं कैरेक्टर के साथ खुद को जोड़ भी पाई.'
आगे रूपा ने कहा- 'जब हम शूटिंग कर रहे थे तब दोबारा महाभारत पढ़ना पड़ा. जो बचपन में पढ़ा वो द्रौपदी का किरदार अलग था. जब शूट करते समय पढ़ा तब हमें लगा कि नारी जो है भारत की अंग है, रूप है. नारी में हमेशा से ही शक्ति रही है. नारी की ताकत हमेशा से ही बहुत ज्यादा रही है. जब-जब नारी का सम्मान नीचे हुआ तब-तब कुरुक्षेत्र बनते गए. लोगों को भुगतना पड़ा. हम अपने देश को मां के समान मानते हैं. भारत को माता बोलते हैं. भारत में नारी को पूजा जाता है अलग-अलग रूप में.'
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चीर हरण सीन के बारे में बात करते हुए रूपा ने कहा- मुझे याद है
चीरहरण के सीन के दौरान जब मुझे घसीटा जा रहा था कि मैं वास्तव में गिर गई
थी. मैंने दुश्शासन के साथ इतना विरोध किया, उसको खींचने में इतनी तकलीफ दी
कि वो पसीना-पसीना हो गया था. फ्लोर पर जाते-जाते में वाकई मैं गिर गई थी,
वो कोई डिजाइन नहीं था. दुश्शासन को बहुत तकलीफ हुई थी मुझे घसीटने में.
वो सीरियल आज भी देखते हैं तो लगता है कि नारी में कितनी शक्ति है, आज भी
वो अगर चाहें तो अपनी शक्ति का सही उपयोग कर सकते थे.