
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच इंडिया टुडे ग्रुप ई-एजेंडा आजतक कार्यक्रम की अपनी तीसरी कड़ी लेकर आया है. ई-एजेंडा आजतक की तीसरी कड़ी 'जान भी जहान भी' के मंच पर आज मोदी सरकार के 17 मंत्री शिरकत कर रहे हैं. जिसमें कोरोना की चुनौतियों और सरकार के एक्शन प्लान पर दिनभर चर्चा कर रहे हैं. ई-एजेंडा आजतक कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 10 बजे केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' के साथ हुई जिसके बाद आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद सिंह, जितेंद्र सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत समेत कई दिग्गज मंत्रियों ने शिरकत की. कार्यक्रम के एक सत्र में केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री रामविलास पासवान ने भी अपनी बात रखी.
जीतो 'इंडिया' जीतो सेशन में केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने बिहार में खाद्यान्न वितरण को लेकर कहा कि 4 लाख तो वो लोग हैं जिनका अधिकार अभी भी बनता है. बिहार में 8 करोड़ 71 लाख लाभार्थी होने चाहिए जो फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत आते हैं. योजना आयोग ने जिनकी संस्तुति की थी उसके 85 फीसदी लोग देहात में हैं. शहरी इलाके में 14 प्रतिशत लोग हैं. 8 करोड़ 71 लाख लोगों में से अभी तक केवल 8 करोड़ 57 लाख लोगों का ही नाम पिछले चार-पांच साल से आया है.
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पासवान ने आगे कहा कि हम लोग बार-बार आग्रह कर रहे हैं. मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखा, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी से भी बात हुई. राज्य के जो खाद्य मंत्री हैं उनसे भी हमने बात की कि जो 4 लाख 4 हजार जो लाभार्थी छूटे हुए हैं उनका नाम हम लोगों को भेज दें. उनका राशन लौटकर चला जाता है. ऐसा हो जाए तो उन लोगों को भी राशन जल्द से जल्द मिलना शुरू हो जाएगा.
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केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि अभी उन्होंने 8 लाख लोगों का नाम दिया था हालांकि उसकी लिस्ट नहीं आई थी. प्रधानमंत्री जी की एक मुफ्त अनाज योजना है उसके लिए तो हमने उसको तुरंत दूसरे दिन ही आदेश दे दिया था. ऐसे ही हिमाचल प्रदेश में भी लोग हैं और तमिलनाडु में भी हैं. कुल मिलाकर पूरे देश में 81 करोड़ में से जो 39 लाख लाभार्थी ऐसे हैं जिनका नाम छूटा हुआ है.
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बिहार सरकार पर धीमे काम करने के लगे आरोपों पर पासवान ने कहा कि वो सब तो राज्य सरकार के हाथ में है. बिहार सरकार की जो लेटेस्ट रिपोर्ट है उसमें ये कहा गया है कि 9 तारीख से हम दाल इत्यादि अनाज बांटना शुरू कर देंगे. आज भी हमारी प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई था उसमें हमने बतलाया था कि जो हमारे पास में दाल भी है. अप्रैल महीने की दाल हर राज्य को भेजी जा चुकी है. अब राज्य का काम है कि उसका डिस्ट्रिब्यूशन करे. लेकिन अब स्टेट कहता है कि हमको अनाज हेड क्वार्टर तक नहीं ब्लॉक स्तर तक पहुंचवाने का काम कीजिए तो उसमें थोड़ा विलंब हो जाता है.
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दाल की उपलब्धता बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दाल में चाहे साबूत दाल हो, चना दाल हो, तुअर दाल हो, या मूंग दाल हो और भी जितनी दाल हैं हमारे पास दाल पर्याप्त हैं. हमारे बफर स्टॉक में 30-35 लाख टन दाल है. हमको जो दाल की आवश्यकता है वो कुल मिलाकर 5.82 लाख मिलियन टन की है. और अभी तक यहां से 263 लाख मीट्रिक टन दाल डिस्पैच हो चुकी है. इसमें से 142 लाख मीट्रिक टन दाल राज्यों में पहुंच चुकी है. लेकिन अभी तक राज्यों के द्वारा सिर्फ 53617 मीट्रिक टन दाल का ही वितरण किया गया है. अभी भी हमारे पास तुअर की दाल करीब साढ़े पांच लाख मीट्रिक टन है. इसके अलावा मूंग है, उड़द है. हम फिर कह रहे हैं कि खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है.