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पेट्रोल-डीजल देगा कमाई का मौका, जल्द शुरू सकता है इनमें वायदा कारोबार

पेट्रोल और डीजल भले ही आपकी जेब पर फिलहाल बोझ बनते जा रहे हों, लेकिन सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही ये आपको कमाने का एक मौका भी दे सकते हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2018,
  • अपडेटेड 6:41 PM IST

पेट्रोल और डीजल भले ही आपकी जेब पर फिलहाल बोझ बनते जा रहे हों, लेकिन सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही ये आपको कमाने का एक मौका भी दे सकते हैं. इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX) ने शेयर और कमोडिटी बाजार रेग्युलेटर सेबी से पेट्रोल और डीजल में वायदा कारोबार शुरू करने की इजाजत मांगी है.

पेट्रोलियम मंत्रालय इसमें वायदा कारोबार शुरू करने की इजाजत दे चुका है. अब इस पर अंतिम फैसला SEBI को लेना है. अगर पेट्रोल-डीजल का वायदा कारोबार शुरू करने के लिए अगर सेबी की इजाजत मिल जाती है, तो आप पेट्रोल और डीजल के भाव घटने पर काफी ज्यादा मात्रा में इसे खरीद सकेंगे और फिर भाव बढ़ने पर इसे बेच सकेंगे. इस तरह आप मुनाफा कमा पाएंगे.

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सेबी की मंजूरी ICEX या अन्य किसी एक्सचेंज को मिल सकती है. इसके बाद कोई भी व्यक्ति तय नियमों के अनुसार एक्सचेंज पर पेट्रोल और डीजल की वायदा कारोबार के तहत खरीदारी व बिकवाली कर सकेगा.

क्या होता है वायदा कारोबार:

कमोडिटीज की खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंजों पर होने वाले कारोबार को वायदा कारोबार कहते हैं. आमतौर पर हर कमोडिटी के अलग-अलग वायदे सौदे होते हैं. वायदा कारोबार में कारोबारी अपनी सुविधानुसार खरीदारी और बिकवाली करते हैं. इसकी शर्त यह है कि आपको खरीदारी या बिकवाली कम से कम एक लॉट की करनी होगी. इसके लिए आपको तय मार्जिन भी देनी होती है.

जोख‍िम भरा कारोबार:

वायदा कारोबार में ज्यादा मुनाफा तो मिलता ही है, लेक‍िन इसमें जोख‍िम भी काफी ज्यादा होता है. आपने खरीदारी का सौदा डाला है और भाव बढ़ने की बजाय घट जाते हैं तो आपको नुकसान होगा. वहीं, बिकवाली के सौदे में भाव बढ़ जाते हैं, तो भी नुकसान झेलना पड़ेगा. इसलिए वायदा कारोबार में वही लोग दांव लगाते हैं, जिनके पास इसका काफी ज्यादा अनुभव है.

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पास नहीं रखना होगा पेट्रोल:

वायदा कारोबार में फिलहाल जो भी कमोडिटी आप खरीदते हैं, उसे आपको अपने पास नहीं रखना होता है, बल्क‍ि उसे सीधे आप एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर खरीदते हैं. अब ये देखना होगा कि अगर पेट्रोल और डीजल में वायदे कारोबार को मंजूरी मिल जाती है, तो इसके लिए क्या नियम व दिशा-निर्देश तय होते हैं.

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