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जापान में तेज भूकंप, सुनामी की चेतावनी नहीं, दिल्ली-NCR में महसूस किए गए झटके

दिल्ली एनसीआर में शनिवार को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि इसका केंद्र क्या था. वहीं जापान में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2015,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST

दिल्ली एनसीआर में शनिवार को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि इसका केंद्र क्या था. वहीं जापान में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई. फिलहाल सुनामी की वार्निंग नहीं दी गई है.

इससे पहले नेपाल में लगभग एक महीने पहले आए भीषण भूकंप के बाद हल्के झटकों का आना लगातार जारी है. शनिवार को भी ताजा झटका महसूस किया गया. राष्ट्रीय भूकंप केंद्र, काठमांडू के मुताबिक शनिवार तड़के 1 बजकर 55 मिनट पर 4 तीव्रता वाला भूकंपीय झटका महसूस किया गया. इसका केंद्र धडिंग जिला रहा. पिछले महीने की 25 तारीख को आए भूकंप के बाद अब तक 291 झटके महसूस किए गए हैं.

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Earthquake Alerts के ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट्स किए गएः



जापान के तटीय इलाकों में शनिवार को 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया जिससे राजधानी टोक्यो में इमारते हिल गईं और कारों के अलार्म बजने लगे. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता काफी अधिक होने के बावजूद सुनामी का कोई खतरा नहीं है. प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने यह जानकारी दी है.

स्थानीय समयानुसार रात करीब 8:30 बजे के करीब आए भूकंप से रिहायशी इलाकों में इमारतें हिलने लगीं. भूकंप के कारण किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की फिलहाल कोई खबर नहीं है. भूकंप का केंद्र धरती की सतह से 676 किलोमीटर नीचे स्थित था. यह टोक्यो के दक्षिण में करीब 870 किलोमीटर दूर प्रशांत महासागर में एक दूरवर्ती इलाके में केंद्रित था. अमेरिकी भूगर्भविज्ञान सर्वेक्षण ने यह जानकारी दी है.

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भूकंप के केंद्र के करीब बसे इलाकों में से एक चिचिजिमा में पारंपरिक गेस्ट हाउस चलाने वाले योशियुकी सासामोतो ने बताया कि मकान काफी जोरदार तरीके से हिले. उन्होंने बताया, ‘शुरुआत में हल्का भूकंप आया और यह रुक गया. उसके बाद शक्तिशाली भूकंप आया. यह इतना अधिक तेज था कि मैं सीधे खड़ा नहीं रह सका और चल भी नहीं सका.’

टोक्यो के प्रमुख नरीता हवाई अड्डे के दोनों रनवे अस्थाई रूप से बंद कर दिए गए हैं और जांच पड़ताल की जा रही है. टोक्यो में ट्रेनों को भी अस्थाई रूप से रोक दिया गया है और शहर में एक फुटबॉल मैच भी कुछ समय के लिए टाल दिया गया है.

क्षेत्र के परमाणु उर्जा संयंत्रों में से किसी में भी किसी प्रकार की गड़बड़ी की कोई खबर नहीं है. जापान में मार्च 2011 में समुद्र के नीचे आए भीषण भूकंप से देश के उत्तर पूर्वी तट पर सुनामी आ गयी थी.

इस सुनामी ने हजारों लोगों की जान लेने के साथ ही शहरों को तबाह कर दिया था और सुनामी की लहरों ने फुकुशिमा परमाणु उर्जा संयंत्र के कूलिंग सिस्टम को भी प्रभावित किया था जिससे तीन रिएक्टर ठप पड़ गए थे. चेर्नोबिल के बाद दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु त्रासदी माने जाने वाली इस घटना में लाखों लोग विस्थापित हुए थे और बड़ा भूभाग कई दशकों के लिए बंजर हो गया था.

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जापान चार टेक्टोनिक प्लेटों के मिलन स्थल पर टिका है और हर साल दुनिया के सर्वाधिक शक्तिशाली भूकंपों में से करीब 20 फीसदी भूकंप जापान में आते हैं. शुक्रवार को जापान के दक्षिणी हिस्से में एक ज्वालामुखी फट गया था जिसने आसमान में धुएं और धूल के विशाल गुबार पैदा कर दिए थे और प्रशासन को इस द्वीप से लोगों को बाहर निकालना पड़ा था.

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