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ईस्ट एमसीडी ने पूर्वी दिल्ली के लोगों को दी बड़ी राहत

दिल्ली के पूर्वी हिस्से में रहने वालों के लिए इस बीच राहत की खबर है. गुरुवार को ईस्ट एमसीडी की स्थाई समिति ने कुछ महीने पहले बढ़ाई गई संपत्ति कर की दरों में 100 फीसदी छूट देने का प्रस्ताव पारित कर दिया है. दरअसल, कुछ महीने पहले ईस्ट एमसीडी ने थर्ड फाइनेंस कमिशन की सिफारिशों को लागू कर दिया था. इसकी वजह से पूर्वी दिल्ली की कई कॉलोनियों की कैटेगरी में बदलाव हो गया था.

ईस्ट एमसीडी ईस्ट एमसीडी
रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:15 AM IST

दिल्ली के पूर्वी हिस्से में रहने वालों के लिए इस बीच राहत की खबर है. गुरुवार को ईस्ट एमसीडी की स्थाई समिति ने कुछ महीने पहले बढ़ाई गई संपत्ति कर की दरों में 100 फीसदी छूट देने का प्रस्ताव पारित कर दिया है. दरअसल, कुछ महीने पहले ईस्ट एमसीडी ने थर्ड फाइनेंस कमिशन की सिफारिशों को लागू कर दिया था. इसकी वजह से पूर्वी दिल्ली की कई कॉलोनियों की कैटेगरी में बदलाव हो गया था.

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बदलाव का असर संपत्ति की कीमतों पर पड़ा और उनमें बेतहाशा बढ़ोतरी हो गई थी. इसका विरोध लंबे वक्त तक हुआ था. गुरुवार को स्थाई समिति की बैठक में आखिरकार प्रस्ताव पारित किया गया. इसके मुताबिक बढ़ी हुई दरों में 100 फीसदी की छूट दी गई है. इसके साथ ही संपत्ति कर जमा कराने की तिथि भी 45 दिन आगे बढ़ा दी गई है.

गौरतलब है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने इससे पहले थर्ड फाइनेंस कमिशन की रिपोर्ट को लागू कर दिया था. जिससे संपत्ति कर की दरें बदल गईं थीं. हालांकि ये नॉर्थ और साउथ एमसीडी को भी लागू करना था लेकिन दोनों ही निगमों ने इसे लागू करने से मना कर दिया था. ईस्ट एमसीडी ने माली हालत को देखते हुए समिति की सिफारिशों को लागू कर दिया था लेकिन गुरुवार को प्रस्ताव पारित करने के साथ ही एमसीडी में बीजेपी ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने फंड देने से पहले उनके सामने समिति की सिफारिशों को लागू करने का दबाव बनाया था इसलिए मजबूरी में ये कदम उठाना पड़ा था.

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हालांकि इस छूट पर भी सवाल उठते हैं कि आर्थिक रूप से बदहाल ईस्ट एमसीडी राजस्व कहां से जुटाएगी.दिल्ली की तीनों निगमों में से ईस्ट एमसीडी की हालत सबसे खराब है लेकिन आर्थिक सुधारों को सख्ती से लागू करने की बजाय एमसीडी बार-बार संपत्ति कर की दरों में बढ़ोतरी को लागू करने से बच रही है. इसका असर निगम की सेहत पर साफ-साफ देखा जा सकता है.

 

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