
नकली नोटों के बढ़ते कारोबार के चलते अक्सर हम बड़े नोट लेते समय हिचकिचाते हैं कि कहीं चूना न लग जाए. आपकी इस दुविधा को खत्म करने के लिए हम आपको बता रहे है कुछ सरल उपाय जिससे आप असली व नकली नोट की आसानी से पहचान कर सकेंगे.
1. वॉटर मार्क: सभी असली नोटों की लेफ्ट साइड पर महात्मा गांधी का हल्का शेडेड वॉटर मार्क होता है . जब आप नोट को तिरछा करेंगे तो इस वाटर मार्क में अलग-अलग दिशाओं में जाने वाली लाइनें दिखाई देंगी. इसके साथ ही अंकों में नोट का मूल्य भी लिखा होता है.
2. सिक्योरिटी थ्रेड: सिक्योरिटी थ्रेड असली नोटों को पहचानने का बहुत ही भरोसेमंद तरीका है. यह थ्रेड महात्मा गांधी की फोटो के लेफ्ट साइड में होता है, जिस पर भारत और आरबीआई लिखा होता है. ध्यान रहे कि 5 से 50 रुपये के नोटों के तार पर केवल भारत छपा होता है.
3. पहचान चिन्ह: 20 रुपये और इससे ज्यादा मूल्य के नोटों पर फ्लोरल प्रिंट के ठीक नीचे एक पहचान चिन्ह बना होता है. यह खास तरह का निशान होता है जो सभी नोटों में यह अलग आकार का होता है और वाटर मार्क के बाईं ओर दिखाई देता है. 20 रुपये में यह वर्टिकल रेक्टेंगल, 50 रुपए में चकोर, 100 रुपये में ट्राइएंगल, 500 रुपये में गोल और 1000 रुपये में डायमंड शेप में होता है.
4. रजिस्ट्रेशन: वॉटर मार्क के बिल्कुल लेफ्ट साइड में फ्लोरल प्रिंट होता है. नोट में बैक टू बैक दो फूल बने होते हैं. यह सामने से खाली और पीछे से भरा हुआ होता है. इस डिजाइन को रोशनी में रख कर देखा जा सकता है.
5. उभरा हुआ प्रिंट: 20 रुपये और उससे अधिक मूल्य के नोटों पर फ्लोरल प्रिंट, अशोक स्तंभ, पहचान चिन्ह, रिजर्व बैंक की गारंटी, मूल्य अदा करने का वचन, रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर, महात्म गांधी की तस्वीर और रिजर्व बैंक की सील उभरे प्रिंट में बने होते हैं.
6. ऑप्टिकल वैरिएबल इंक : 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों पर मूल्य रंग बदलने वाली इंक (ऑप्टिकल वैरिएबल इंक) से लिखा होता है. जब हम नोट को सीधा पकड़ते हैं तो हरा और इसे थोड़ा तिरछा करने पर यह हमें नीले रंग का दिखाई देता है.