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वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में पेश किया आर्थि‍क सर्वे, साल 2014-15 में महंगाई दर में आई कमी

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में साल 2014-15 का आर्थिक सर्वे पेश कर दिया है. इस सर्वे में बताया गया है कि साल 2014-15 में महंगाई दर में कमी आई है.

वित्तमंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो) वित्तमंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 फरवरी 2015,
  • अपडेटेड 4:08 PM IST

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में साल 2014-15 का आर्थिक सर्वे पेश कर दिया है. इस सर्वे में बताया गया है कि साल 2014-15 में महंगाई दर में कमी आई है. 'प्रभु' की रेल में सुविधा पर खास जोर, रेल किराया जस का तस

अरुण जेटली ने लोकसभा में जानकारी दी कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में विकास दर 8.1 फीसदी से लेकर 8.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान है. आर्थि‍क समीक्षा के मुताबिक, साल 2013 के बाद महंगाई दर में भारी कमी दर्ज की गई है. चालू खाते का घाटा कम किया गया है. अच्छी बात यह है कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी बढ़ोतरी हुई है.

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सर्वे में बताया गया है कि देश को लंबी अवध‍ि के निवेश पर और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. सरकार ने दावा किया है कि वित्तीय घाटा 4.1 फीसदी रखना मुमकिन है. खास बात यह रही कि लोकसभा में आर्थि‍क सर्वे पेश होने के तुरंत बाद सेंसेक्स में 245 अंकों की बढ़त देखी गई.

वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा प्रस्तुत सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक टीम ने तैयार की है. अर्थव्यवस्था की स्थिति पर सालाना रिपोर्ट कार्ड में कहा गया है कि विकास दर को अब और बढ़ाया जाना चाहिए और दहाई संख्या में विकास दर संभव है.

महंगाई के बारे में इसमें कहा गया है कि 2013 के बाद से इसमें छह प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ चुकी है. निर्यात और विदेशी पूंजी के आगम में भी मजबूती आ रही है. औद्योगिक विकास दर में भी तेजी आई है.

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कृषि क्षेत्र के बारे में सर्वेक्षण में कहा गया है, '2014-15 के लिए अनाज उत्पादन 25.707 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के उत्पादन से 85 लाख टन अधिक होगा.'

सब्सिडी के बारे में इसमें कहा गया है कि इससे गरीबों के जीवन-स्तर में किसी विशेष बदलाव आया हो, ऐसा दिखाई नहीं पड़ता.

वित्तीय स्थिति के बारे में सर्वेक्षण में कहा गया है कि सरकार वित्तीय घाटा कम करने के लिए प्रतिबद्ध है और राजस्व बढ़ाने पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाएगा.

पिछले साल केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद देश किस दिशा में आगे बढ़ा है, इसका कुछ हद तक अंदाजा आर्थ‍िक सर्वे से मिल रहा है. इस पूरे सर्वे में देश की आर्थिक नीतियों का खाका और शनिवार को पेश होने वाले आम बजट की झलक भी साफ दिखाई देगी.

गौरतलब है कि 'अच्छे दिन' के नारे के सहारे बीजेपी केंद्र में भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई. अब यह देखना है कि आम जनता के अच्छे दिन कब तक आएंगे और मोदी सरकार इसके लिए बजट में क्या-क्या उपाय करती है.

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