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इकोनॉमिक सर्वे 2018: दोगुनी छोड़िए, इन कारणों से एक-चौथाई कम हो सकती है किसानों की आमदनी

केन्द्र सरकार ने देश में किसानों की आमदनी को 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य से इतर केन्द्र सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में कहा गया है कि मौसम में हो रहे बदलाव से अगले कुछ सालों में किसानों की आमदनी 25 फीसदी तक कम हो सकती है.

आर्थिक सर्वेक्षण: क्या वाकई दोगुनी होगी किसानों की आमदनी आर्थिक सर्वेक्षण: क्या वाकई दोगुनी होगी किसानों की आमदनी
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:55 PM IST

केन्द्र सरकार ने देश में किसानों की आमदनी को 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य से इतर केन्द्र सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में कहा गया है कि मौसम में हो रहे बदलाव से अगले कुछ सालों में किसानों की आमदनी 25 फीसदी तक कम हो सकती है.

आर्थिक सर्वेक्षण में दी एक एनालिसिस के मुताबिक औसत से 100 मिलीमीटर कम बारिश होने की स्थिति में किसानों को खरीफ फसल से होने वाली कमाई में लगभग 15 फीसदी का नुकसान होता है. वहीं रबी फसल में किसान को कमाई में 7 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ता है.

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केन्द्र सरकार के सर्वे के मुताबिक क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों के चलते अगले कुछ वर्ष किसानों के लिए चुनौती भरे हो सकते हैं और उन्हें आमदनी में नुकसान उठाने की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. क्लाइमेट चेंज से किसानों को औसतन 15 से 18 फीसदी का नुकसान हो सकता है वहीं अनइरीगेटेड क्षेत्रों में किसानों को 20 से 25 फीसदी के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.

मौजूदा समय में किसानों की सलाना कमाई के आधार पर आर्थिक सर्वे को अनुमान है कि मध्यम वर्ग के किसानों को प्रति वर्ष लगभग 3,600 रुपये का नुकसान हो सकता है.

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