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छगन भुजबल की मुसीबत बढ़ी, ED ने मनी लॉन्ड्र‍िंग कानून के तहत दर्ज किए 2 मामले

महाराष्ट्र के पूर्व PWD मंत्री छगन भुजबल की मुसीबतें और बढ़ गई हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को भुजबल और दो अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्र‍िंग रोकथाम से जुड़े अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत दो आर्थिक सूचना रिपोर्ट मामले (ECIR) दर्ज किए.

छगन भुजबल (फाइल फोटो) छगन भुजबल (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 17 जून 2015,
  • अपडेटेड 12:18 AM IST

महाराष्ट्र के पूर्व PWD मंत्री छगन भुजबल की मुसीबतें और बढ़ गई हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को भुजबल और दो अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्र‍िंग रोकथाम से जुड़े अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत दो आर्थिक सूचना रिपोर्ट मामले (ECIR) दर्ज किए.

भुजबल ने ACB पर लगाया इल्जाम
इस बीच, छगन भुजबल ने कहा है कि वे अपने ऊपर लगे आरोपों का कानूनी तरीके से जवाब देंगे. भुजबल ने एसीबी पर इल्जाम लगाया कि वह चुनिंदा जानकारी लीक कर उन्हें बदनाम करने की साजिश कर रही है. उन्होंने मुकदमे को राजनीति प्रेरित बताया.

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ED के सू़त्र ने से कहा, ‘हमने छगन भुजबल व अन्य के खिलाफ पीएमएलए के प्रावधानों के तहत दो मामले दर्ज किए हैं.’ सूत्र ने कहा कि पहला ECIR महाराष्ट्र सदन घोटाला और कलिना भूमि आवंटन मामले से संबंधित है, जबकि दूसरा ECIR एनसीपी के वरिष्ठ नेता के खिलाफ एफआईआर से संबंधित है, जो नवी मुम्बई में एक आवास योजना से संबंधित है.'  

उन्होंने बताया कि नवी मुम्बई में आवास परियोजना के संबंध में डेवेलपर ने फ्लैट की लागत का 10 प्रतिशत साल 2010 में बुकिंग राशि के रूप में जमा किया था, लेकिन कोई काम शुरू नहीं किया.

नवी मुम्बई पुलिस ने शनिवार को इस मामले में भुजबल पर मुकदमा दर्ज किया था, जिसमें 44 करोड़ रुपये की राशि जुड़ी है. इससे 2300 लोग संबंधित हैं, जिन्होंने नवी मुम्बई में खारघर में भुजबल के परिवार के स्वामित्व वाली रियल ईस्टेट कंपनी प्रवर्तित ‘हेक्स वर्ल्ड’ की परियोजना में मकान बुक कराया था.

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पिछले चार साल से आवास परियोजना शुरू होने का इंतजार कर रहे लोगों के समूह ने निर्माण में देरी के मुद्दे पर अदालत से सम्पर्क किया था.

इस बारे में नवी मुम्बई में तलोजा पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में भुजबल, उनके पुत्र पंकज और भतीजे समीर का नाम लिया गया है. इनके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और आपराधिक विश्वास भंग करने से संबंधित है, इसके अलावा इनके खिलाफ महाराष्ट्र फ्लैट स्वामित्व अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पिछले सप्ताह महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भुजबल के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे, जिसमें पहला मुम्बई में कलीना में एक अहम प्लाट एक डेवेलपर को आवंटित करने में कथित अनियमितता से संबंधित है.

महाराष्ट्र सदन बनाने में भी घोटाला!
दूसरा मामला, दिल्ली स्थित राज्य सरकार के गेस्ट हाउस नये महाराष्ट्र सदन में निर्माण कार्य में कथित भ्रष्टाचार और व्यापक अनियमितता से संबंधित है.

भुजबल के तहत लोक निर्माण विभाग ने फर्मों को कथित तौर पर उप अनुबंध दिए थे, जो महाराष्ट्र सदन के मामले में नियमों का खुला उल्लंघन था. इस बारे में एफआईआर में भुजबल, उनके पुत्र पंकज और उनके भतीजे समीर एवं 14 अन्य लोगों का नाम है.

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कांग्रेस-एनसीपी सरकार के कार्यकाल में निर्माण
दिल्ली में नए महाराष्ट्र सदन का निर्माण 100 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था, जब महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार थी.

हालांकि भुजबल ने अपने खिलाफ आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा, 'जिस रफ्तार से जांच की जा रही है, वह काफी अच्छा है. मैं इसके बारे में क्या कहूं? एक के बाद एक गलत आरोप मेरे खिलाफ लगाए जा रहे हैं.'

उन्होंने कहा है, ‘मेरे बारे में मीडिया को गलत सूचना दी जा रही है. स्वार्थी मंशा रखने वाले मेरे राजनीतिक प्रतिद्वन्द्वी हर दिन मेरे खिलाफ कुछ गलत सूचनाओं के साथ आ रहे हैं.’

इनपुट: भाषा

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