
शिवसेना ने कहा है कि गुजरात में हार्दिक पटेल को मिल रहा अपार जन समर्थन बीजेपी के लिए शुभ संकेत नहीं है. पार्टी ने हार्दिक पटेल को नायक करार दिया है, जिसने गुजरात के शांतिपूर्ण राज्य होने के दावे की हवा निकाल दी है.
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा गया है, 'अब तक यही समझा जाता था कि PM मोदी ही एकमात्र राजनेता हैं, जो भीड़ जुटा सकते हैं.' नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर गुजरात सरकार की नाक में दम कर चुके पटेल समुदाय के नेता हार्दिक पटेल की ओर इशारा करते हुए शिवसेना ने कहा, 'अब हार्दिक पटेल भीड़ के नेता बन चुके हैं.'
शिवसेना ने कहा, 'हार्दिक पटेल गुजरात के नायक हैं. उनकी जनसभा में चार-पांच लाख लोग जुट रहे हैं. बीते गुरुवार को अहमदाबाद में अपनी विशाल जनसभा में उन्होंने राज्य सरकार को चुनौती दे डाली.'
अब सरदार पटेल को हार्दिक ने लपका
संपादकीय में व्यंग्य करते हुए कहा गया है कि सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम का इस्तेमाल अब तक मोदी कर रहे थे, लेकिन अब इसे हार्दिक पटेल ने हड़प लिया है.
लेख के मुताबिक, 'मंगलवार की जनसभा के बाद राज्य सरकार ने हार्दिक पटेल को हिरासत में लेने की जुर्रत की, जिसका परिणाम बेहद खतरनाक रूप में सामने आया. पूरे राज्य में हिंसा भड़क उठी और यहां तक कि मंत्रियों को भी पटेल समुदाय के गुस्से का खामियाजा भुगतना पड़ा.'
अब पटेल ने यह भी धमकी दी है कि अगर पटेल समुदाय को नौकरियों में आरक्षण नहीं दिया गया, तो साल 2017 में राज्य में 'कमल' नहीं खिलेगा.
लेख के मुताबिक, 'जिस तरीके से गुजरात के युवाओं ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है, उसने गुजरात की राजनीति में भूचाल ला दिया है.' इन सब में गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल हंसी का पात्र बन गई हैं, जिन्होंने गुजरात को शांतिपूर्ण, स्थिर तथा सुव्यवस्थित बताकर महाराष्ट्र के कारोबारियों को गुजरात में निवेश का न्योता दिया है.
हार्दिक ने खोली आनंदीबेन के दावे की पोल
लेख में हार्दिक पटेल की ओर इशारा करते हुए कहा गया, 'अब क्या? एक व्यक्ति जिसकी मूंछ भी ठीक से नहीं उगी है, उसने उनके दावे की पोल खोल दी है.'
केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने गुजरात के राजनीतिज्ञों से राज्य में राजनीतिक आग भड़काने से बचने के लिए कहा है, क्योंकि ऐसा करना सरासर मूर्खता होगी.
लेख के मुताबिक, पटेल समुदाय के लोग विभिन्न क्षेत्रों जैसे हीरा, रियलिटी तथा बड़े कारोबारों में सबसे आगे हैं और गुजरात के एनआरआई में भी उनकी काफी तादाद है.
राजनीति में आनंदीबेन पटेल के रूप में यह समुदाय राज्य का नेतृत्व कर रहा है, फिर भी यह समुदाय पिछड़ा बनना चाहता है और इसके लिए सड़क पर उतर गया है.
लेख में कहा गया है, 'गुजरात के पटेलों की तरह ही महाराष्ट्र में मराठे भी प्रभावशाली हैं और कई मांग कर चुके हैं, लेकिन उन्होंने हिंसा का रुख कभी नहीं किया. हिंसा करने वालों को किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जा सकता.'