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मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चिटफंड कंपनी 'रोज वैली' के 2807 खातों में जमा 295 करोड़ रुपये जब्त कर लिए हैं. यह प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जब्त की गई सबसे बड़ी रकम है. इस रकम का बड़ा हिस्सा पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के बैंकों से जब्त किया गया है. TMC के 2 MP के गले पड़ी चिट-फंड की फांस
एक दिन पहले ही प्रवर्तन निदेशालय को रोज वैली के 2600 खातों में 250 करोड़ रुपये होने की जानकारी मिली थी. प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई कंपनी के लिए बड़ा झटका है. कंपनी पर अलग-अलग स्कीम के जरिए निवेशकों से 15000 करोड़ हथियाने के आरोप हैं.
प्रवर्तन निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'यह न केवल कंपनी के खिलाफ सबसे कड़ा कदम है बल्कि पहली बार ईडी की ओर से किसी चिटफंड कंपनी के खिलाफ इतनी बड़ी रकम सीज करने का ऑर्डर दिया गया है.' अधिकारी ने कहा, 'रोज वैली समूह की ओर से चलाई जा रही 27 कंपनियों के 2807 खाते मिले हैं. हम ओडिशा में कंपनी की और चल-अचल संपत्ति की तलाश कर रहे हैं.'
गौतम कुंडु की कंपनी रोज वैली के खिलाफ मार्केट विनियामक सेबी, सीरियस फ्रॉड इनवेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कई मामलों की जांच की जा रही है. गुरुवार को ईडी द्वारा की गई जब्ती से कंपनी का ऑपरेशन ठप हो सकता है. हालांकि, रोज वैली के प्रवक्ता का कहना है कि प्रवर्तन निदेशालय की इस कार्रवाई से कंपनी के काम-काज पर कुछ असर नहीं पड़ेगा. ईडी का कहना है कि आगे की कार्रवाई के बाद कंपनी के लिए फंड जुटाने की स्कीम चलाना मुश्किल होगा. प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों का कहना है कि कंपनी के पास अब भी बड़ी रकम है जो करीब 9000 करोड़ रुपये हो सकती है.
रोज वैली पर निवेशकों को लालच देकर गलत तरीके से करीब 15 हजार करोड़ रुपये जुटाने का आरोप है. इसके अलावा सेबी की इजाजत के बिना कंपनी ने 2011 से 2013 के बीच अवैध तरीके से धन जुटाने का भी मामला चल रहा है. ईडी दिसंबर तक संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया पूरी कर लेना चाहता है.