
साल 2016 के नाम वैसे तो शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी न जाने कितनी ही उपलब्धियां रहीं लेकिन इस वर्ष टीना डाबी का देश के बहुप्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा (यूपीएससी) में टॉप करना लंबे समय तक सुर्खियों की वजह रहा. तिस पर से साल 2016 के भीतर उनका दूसरे टॉपर अतहर आमिर के साथ प्यार में पड़ना और सोशल मीडिया जैसे सार्वजनिक संचार माध्यमों पर उसे साझा करना भी खबरों में रहा.
हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला का फेलोशिप राशि न मिलने पर आत्महत्या करना भी देश और विश्वविद्यालय परिसरों में सियासी तूफान की वजह रहा. पढ़ें एजुकेशन के लिहाज से देश में और क्या रहा खास और क्या रहे विवाद...
जानिए अपनी सफलता पर क्या कहते हैं UPSC टॉपर्स...
टीना डाबी यूपीएससी टॉपर...
टीना डाबी दिल्ली यूनिवर्सिटी के बहुप्रतीष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएट हैं. उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा 2015 में टॉप रैंक हासिल की. उन्हें कुल 2,025 अंकों (1,750 मेन और 275 साक्षात्कार के हैं) में से 1,063 नंबर (52.49 फीसद) अंक हासिल हुए. वह फिलवक्त सिर्फ 23 वर्ष की हैं.
जम्मू-कश्मीर राज्य के रहने वाले और सिविल सेवा परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल करने वाले अतहर आमिर उल शफी खान को कुल 1,018 नंबर (50.27 फीसदी) अंक मिले और तीसरी रैंक हासिल करने वाले जसमीत सिंह संधू को 1,014 नंबर (50.07 फीसदी) अंक मिले.
UPSC टॉपर टीना डाबी दूसरे टॉपर अतहर पर फिदा, जल्द होगी शादी...
पढ़ें रोहित वेमुला का आखिरी खत...
यूजीसी फेलोशिप विवाद और रोहित वेमुला की मौत...
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) द्वारा रिसर्च फेलोशिप को लेकर खींचतान पूरे साल जारी रही. स्मृति ईरानी के मानव संसाधन मंत्रालय रहते और हैदराबाद यूनिवर्सिटी में लंबे समय से फेलोशिप राशि न मिलने की वजह से वहां के रिसर्च छात्र का आत्महत्या करने के बाद देश भर के कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसरों में विरोध प्रदर्शन हुए. सरकार के कहे अनुसार फेलोशिप राशि में बढ़ोत्तरी की गई मगर इसके बावजूद स्टूडेंट्स अपनी मांगों को लेकर अब भी सरकार और संबंधित विभाग-मंत्रालयों पर दबाव बनाए हुए हैं.
कश्मीर में कर्फ्यू और युद्ध जैसे माहौल के बावजूद परीक्षाओं का होना...
साल 2016 जम्मू कश्मीर की सियासत के लिए चाहे कैसा भी रहा हो लेकिन वहां रहने वाली आम अवाम और वहां के स्टूडेंट्स के लिए यह पूरा साल अफरातफरी भरा रहा. लंबे समय तक वहां स्कूल बंद रहे. स्टूडेंट्स परीक्षा से वंचित रहे. इन तमाम दिक्कतों के बावजूद राज्य सरकार ने फैसला लिया कि वे बोर्ड परीक्षाओं पर आगे बढ़ेंगे. सिलेबस को कम करके परीक्षाएं करवाई गईं.
बिहार टॉपर घोटाले की वजह से बिहार बोर्ड की फजीहत...
बिहार राज्य में 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं के दौरान टॉपर्स के फर्जीवाड़े में फंसने के बाद राज्य सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की खूब फजीहत हुई. इस टॉपर घोटाले के छींटे बिहार राज्य के कई काबिना मंत्रियों तक भी पहुंचे. इतना ही नहीं इस घोटाले के बाद से बिहार राज्य के भीतर अवैध और बिना किसी स्थापित व्यवस्था के चलने वाले स्कूलों की मान्यता भी रद्द हुई.
NEP पर मची खींचतान
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की कमान प्रकाश जावड़ेकर के हाथ में आते ही उन्होंने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी यानी NEP का नया ड्राफ्ट तैयार करने की घोषणा कर दी. टी.एस.आर सुब्रमणियम कमेटी ने पूर्व HRD मंत्री स्मृति इरानी के समयकाल में जो ड्राफ्ट तैयार किया था उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. इस कदम से साफ हो गया कि NEP में अभी और देर होगी और इसे फाइनल करने में अगले कुछ महीने या साल भी लग सकते हैं.
NAD के गठन को मिली मंजूरी, डिजिटल होंगे एजुकेशन रिकॉर्ड्स
इस साल एजुकेशन से जुड़े जो बडे फैसले आए उनमें से एक था केंद्र सरकार का नेशनल एकेडमिक डिपोसटरी (NAD) के गठन को मंजूरी देना. जिसके बाद NAD ही सभी एजुकेशन रिकॉर्ड्स का डिजिटल बैंक होगा. इसके तहत सभी के एजुकेशन रिकॉर्ड्स डिजिटल हो जाएंगे और फर्जी डिग्रियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.
CBSE ने अनिवार्य किया 10वीं बोर्ड
सीबीएसई की संचालन समिति ने 2018 से 10वीं कक्षा में बोर्ड परीक्षाओं को अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. कुल अंकों का 80 प्रतिशत हिस्सा बोर्ड एग्जाम पर और 20 प्रतिशत हिस्सा आंतरिक मूल्यांकन पर आधारित होगा. तीन भाषाओं का फॉर्मूला भी लागू किया गया.