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एकता कपूर के शोज में क्यों दिखाए जाते हैं इंटीमेट सीन, प्रोड्यूसर ने बताया

जहां एकता का टीवी पर कंटेंट काफी संस्कारी होता है वही इंटरनेट और उनकी एप पर उनका कंटेंट काफी बोल्ड होता है. एकता ने माना कि वे अपनी ऑडियन्स के हिसाब से शो बनाती हैं और वे खुद इंटीमेसी को काफी पसंद करती हैं.

एकता कपूर एकता कपूर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:56 AM IST

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 में टीवी और फिल्म प्रोड्यूसर एकता कपूर ने शिरकत की. वे इस दौरान TRANSFORMERS: The popular mind and Alt-Imagination: The Radical and The Regressive, Interpreting Love, desire and ambition in India  नाम के सेशन में मॉडरेटर कोयल पुरी से मुखातिब हुईं. इस दौरान एकता ने कई मुद्दों पर खुलकर बात की. एकता टीवी से लेकर डिजिटल माध्यम और फिल्मों में भी काफी एक्टिव हैं. जहां टीवी पर उनका कंटेंट काफी संस्कारी होता है वही इंटरनेट और उनकी एप पर उनका कंटेंट काफी बोल्ड होता है. एकता ने माना कि वे अपनी ऑडियन्स के हिसाब से शो बनाती हैं और वे खुद इंटीमेसी को काफी पसंद करती हैं.

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एकता कपूर ने अपनी एप के बारे में बात करते हुए कहा कि हमने अपनी एप पर मॉम नाम का शो भी शुरू किया, इसके अलावा हमारा एक शो वर्डिक्ट भी आ रहा है लेकिन कोई भी इन शोज के बारे में बात नहीं करता है और जब भी मैं स्टेज पर होती हूं तो सभी मुझसे हमारे बोल्ड शो 'गंदी बात' के बारे में ही बात करते हैं. इससे साफ होता है कि भारतीय इसको लेकर कितने ज्यादा जुनूनी हैं और इसमें कोई दो राय नहीं कि इंटीमेसी एक नैचुरल क्रिया है और मुझे काफी पसंद है.  

उन्होंने आगे कहा, 'इसके अलावा मैं ये भी कहना चाहती हूं कि मैंने अपने शोज में कई बार चेक कराया है कि इनमें महिलाओं को लेकर किसी भी तरह की द्वेष पूर्ण बात ना हो और ना ही सेक्शुएल क्राइम को बढ़ावा मिले. हमारी पूरी कोशिश होती है कि इन शोज़ में बलात्कार को लेकर कोई जोक्स ना हों और हम अपने शोज़ के सहारे प्रोग्रेसिव अप्रोच रखते हैं. इसके अलावा हमारे टीवी सीरियल्स में बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान जैसे सितारों का बोलबाला होता है और एक्ट्रेसेस ज्यादातर समय अच्छे कपड़े पहने हुए शोपीज़ के समान होती हैं लेकिन हमारे टीवी शोज़ में महिलाओं का बोलबाला होता है और एक्टर्स अच्छे कपड़े पहने खड़े रहते हैं तो कोई भी शख्स अगर ये कहता है कि मेरे टीवी सीरियल्स महिला विरोधी और रिग्रेसिव हैं तो उन्हें एक बार फिर से सोचने की जरूरत है.'

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