
ईवीएम के मुद्दे पर चुनाव आयोग की आज सर्वदलीय बैठक हुई. कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी समेत 16 विपक्षी पार्टियों की ओर से ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका जताए जाने के बाद चुनाव आयोग ने यह बैठक बुलाई थी. मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों पर सभी राजनीतिक दलों को ईवीएम से छेड़छाड़ करके दिखाने की खुली चुनौती देने की बात कही है.
आयोग द्वारा आयोजित सर्वदलीय बैठक में ईवीएम को गड़बड़ी से शतप्रतिशत सुरक्षित रखने के लिए किए गए उपायों पर दिन भर चले विचार विमर्श के बाद जैदी ने कहा कि कुछ दलों की आशंकाओं को दूर करने के लिए जल्द ही आयोग मशीन में गड़बड़ी की खुली चुनौती देगा.
चुनौती में यह भी साबित करने का मौका दिया जाएगा कि इन मशीनों में तकनीकी और प्रशासनिक आधार पर गड़बड़ी की गई थी. खुली चुनौती के समय के सवाल पर उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि जल्द ही इसकी तारीख घोषित की जाएगी. उन्होंने बताया कि बैठक में सभी 7 राष्ट्रीय दल और 35 राज्य स्तरीय दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
बैठक में क्या हुआ?
मीटिंग की शुरुआत मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी के भाषण से हुई. उन्होंने ईवीएम में छेड़छाड़ के अलावा वेरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के प्रस्तावित इस्तेमाल के बारे में बात की. इसके बाद आईआईटी से बुलाए गए आईटी विशेषज्ञों ने प्रतिनिधियों को ईवीएम में इस्तेमाल होने वाले सुरक्षा मानकों के बारे में बताया. बैठक में सभी पार्टियों के नुमाइंदों को बोलने के लिए 5 मिनट का वक्त दिया गया था.
बंटा नजर आया विपक्ष
सर्वदलीय बैठक में बीजेपी से भूपेन्द्र यादव, जेडीयू से केसी त्यागी, आम आदमी पार्टी से मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज, एनसीपी से डीपी त्रिपाठी और बीएसपी से सतीश चंद्र मिश्र शामिल हुए. लेकिन बैठक में विपक्ष बंटा हुआ नज़र आया.
अभी तक ईवीएम में टेंपरिंग की बात कर रहे सौरभ भारद्वाज ने VVPAT से चुनाव कराने की बात की. वहीं बीएसपी बैलेट पेपर से चुनाव कराने के पक्ष में थी. दूसरी ओर, जेडीयू के केसी त्यागी ने कहा कि चुनाव आयोग विश्वास बहाल करे.
बैठक के एजेंडा में कई दूसरे अहम मुद्दे भी थे. चुनाव आयोग ने पार्टियों के नुमाइंदों को वोटर वेरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के इस्तेमाल की जानकारी दी. चुनाव आयोग ने 2019 से हर बूथ पर वीवीपैट मशीनों के इस्तेमाल की योजना बनाई है. इन मशीनों से हर वोट की रसीद निकलेगी जो 7 सेकेंड में मशीन से निकलकर सीधे बक्से में चली जाएगी. इस मशीन में वोटर देख सकता है कि उसका वोट सही पड़ा है या नहीं.
लगातार ईवीएम पर सवालों के बाद चुनाव आयोग ने 2019 का लोकसभा चुनाव वीवीपैट से कराने की तैयारी की है. केंद्रीय सरकार ने वीवीपैट के लिए 3173 करोड़ 47 लाख रुपये की मंजूरी दी, और चुनाव आयोग ने बिना देर किए मशीनें बनाने का ऑर्डर देश की दो एक्सपर्ट कम्पनियों को सौंप दिया. दोनों पीएसयू कम्पनियां ECIL और BEL को 8 लाख 7 हज़ार 500 मशीनें तैयार करने का ऑर्डर आयोग ने दिया है.