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चुनाव आयोग 4 जनवरी को पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. पहले चरण में उत्तराखंड और पंजाब में चुनाव कराए जाएंगे. यूपी में 7 चरणों में हो सकता है चुनाव.सूत्रों के अनुसार चुनाव के ज्यादातर चरण फरवरी में कराए जा सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने तारीखों को फाइनल कर लिया है. गृह मंत्रालय की बैठक में चुनाव की तैयारियों पर चर्चा होनी है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में चुनाव होने है.
सूत्रों के अनुसार यूपी और चार अन्य राज्यों के चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने सारी तैयारी पूरी कर ली है. पांचों राज्यों में चुनावी चरणों को आयोग ने अंतिम रूप भी दे दिया है. सूत्रों के अनुसार चुनाव के ज्यादातर चरण फरवरी में होंगे और मतगणना मार्च में के पहले हफ्ते में हो सकती है. सभी चुनावी राज्यों में मतगणना एक ही दिन कराई जा सकती है. चुनाव की घोषणा की तारीख पर अंतिम फैसला मुख्य चुनाव आयुक्त और दोनों चुनाव आयुक्त लेंगे. यूपी सहित दो राज्यों के बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम देर से मिलने से घोषणा में इतनी देरी हुई है.
कल ही जारी की थी चेतावनी
गौरतलब है कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मणिपुर, गोवा और पंजाब में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले चुनाव आयोग ने माहौल बनाना शुरू कर दिया है. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से ऐन पहले राजनीतिक दलों और वोटर्स को आदर्श चुनाव आचार संहिता की याद दिलाई गई है.
आयोग ने ये ताकीद भी की है कि इनका पालन करना जरूरी होगा. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही संबंधित पांचों राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी. लिहाजा आयोग ने जनता को भी आगाह किया गया है कि इसके पालन में राजनीतिक पार्टियां या नेता जहां भी लापरवाही करें फौरन इसकी सूचना और सबूत चुनाव आयोग के चौबीसों घंटे काम करने वाले कॉल सेंटर को टोलफ्री नंबर 1950 पर फोन या एसएमएस कर दें.
आदर्श चुनाव आचार संहिता के प्रावधानों की याद दिलाते हुए आयोग ने चुनाव वाले राज्यों की सरकारों और राजनीतिक दलों के साथ आम मतदाताओं को भी ये बताया कि चुनाव कार्यक्रम के ऐलान होने के 24 घंटों के भीतर सरकारी संपत्ति, इमारतों और उनके अहातों पर पोस्टर चिपकाने, नारे वगैरह लिखने, कट आउट या बैनर वगैरह लगाकर संपत्ति को खराब या गंदा करने पर पाबंदी होगी. पहले से लगाई गई गैरजरूरी चीजों को चुनाव के ऐलान के 24 घंटे के भीतर हटाना होगा. सार्वजनिक संपदा या अहातों पर ये प्रावधान 48 घंटों में और निजी संपदा के मामले में 72 घंटों में हटाना जरूरी होगा. इस अवधि के बीतने पर कोई भी शिकायत आएगी तो आयोग अपने अमले के जरिये कड़ी कार्रवाई करेगा.