Advertisement

EC का केंद्र को निर्देश, आम बजट में चुनावी राज्यों के लिए ना हो कोई लॉलीपॉप!

1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करने को लेकर चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को निर्देश जारी किए हैं. आयोग ने कहा है कि बजट में पांच चुनावी राज्यों से जुड़ी किसी विशेष योजना का जिक्र ना हो. केंद्र को ये भी निर्देश दिया गया है कि चुनावी राज्यों से जुड़ी उपलब्धियों का भी जिक्र ना किया जाए.

चुनाव आयोग चुनाव आयोग
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 24 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 9:54 AM IST

आम बजट अब 1 फरवरी को ही आएगा. चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को बजट पेश करने की मंजूरी दे दी, लेकिन इसके साथ ही उसने शर्त रखी है कि इसमें पांच चुनावी राज्यों से जुड़ी किसी योजना का ऐलान नहीं किया जा सकता और न ही इन राज्यों में सरकार की उप्लब्धियों का बखान होना चाहिए.

पढ़ें - ये 12 शब्द आपके लिए डीकोड करेंगे आम बजट

चुनाव आयोग ने अपने आदेश में ये भी साफ किया है कि सरकार इन पांच राज्यों में अपनी नीतियों और उपलब्धियों का बखान बजट भाषण में नहीं करेगी, क्योंकि ऐसा करने से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की भावना पर असर पड़ेगा.

Advertisement

बता दें कि पंजाब, यूपी, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा राज्यों में 4 फरवरी से 8 मार्च के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं. वहीं केंद्र की बीजेपी नीत सरकार 1 फरवरी को आम बजट पेश करने जा रही है. ऐसे में कांग्रेस की अगुआई में विपक्षी दलों ने आयोग से इस बाबत शिकायत की थी और बजट की तारीख़ आगे बढ़ाने की मांग कर रहे थे. इन दलों की दलील थी कि मतदान से पहले बजट भाषण से जनता पर सत्ताधारी दल असर डालने की कोशिश करेगा.

लिहाज़ा वामपंथी, समाजवादी, जनता दल सहित 13 विपक्षी दलों ने कांग्रेस की अगुआई में चुनाव आयोग से मांग की थी कि वह मोदी सरकार को 11 मार्च के बाद बजट पेश करने को कहे. इस संबंध में कांग्रेस ने पिछली यूपीए सरकार के दौरान 2012 में बजट आगे बढ़ाने की दलील भी दी गई थी.

Advertisement

हालांकि चुनाव आयोग ने सरकार को बजट पेश करने से तो नहीं रोका, अलबत्ता विपक्ष की चिंता से सरोकार जताते हुए हिदायत ज़रूर दे दी है. आयोग ने कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा से कहा, निष्पक्ष व स्वतंत्र चुनावों के लिए और सभी के लिए सामान स्थिति समान बनाए रखते हुए आम बजट में ऐसी किसी राज्य-केंद्रित योजना की घोषणा नहीं की जाए, जिससे चुनाव वाले पांच राज्यों के मतदाताओं पर सत्तारूढ़ दलों के पक्ष में असर पड़ने की संभावना हो.

गौरतलब है कि इससे पहले आमतौर पर बजट फरवरी के आखिरी हफ्ते में पेश किया जाता रहा है. वहीं निर्धारित समय से पहले बजट पेश करने के पीछे सरकार का कहना है कि इससे सभी क्षेत्रों को 1 अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष शुरू होने से पहले सभी बजटीय आवंटन किए जा सकेंगे.

विधानसभा चुनावों से पहले बजट पेश किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई थी. हालांकि कोर्ट ने सोमवार यह याचिका खारिज कर दी थी.



Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement