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समाजवादी पार्टी में चुनाव चिन्ह की लड़ाई अब चुनाव आयोग तक पहुंच चुकी है. इस विवाद की सुनवाई शुक्रवार को 12 बजे शुरू हुई. पहले हिस्से में अखिलेश यादव के खेमे ने अपनी बात रखी. जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनके पास 2 तिहाई बहुमत है लिहाजा 'साइकिल' उन्हीं को मिलनी चाहिए. वहीं दूसरे हिस्से में मुलायम सिंह ने अपना पक्ष रखा, उनका तर्क है कि चिन्ह पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का अधिकार होता है. दोनों पक्षा का सुनने के बाद चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
चुनाव आयोग में अखिलेश यादव का पक्ष रखने वाले सीनियर एडवोकेट और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने साइकिल का चिन्ह अखिलेश गुट को दिए जाने की मांग की. उन्होंने सिंबल आदेश के सेक्शन 15 का हवाला देते हुए कहा कि पार्टी में प्रतिनिधि, विधायकों, विधान पार्षदों और सांसदों का दो तिहाई से ज़्यादा बहुमत हमारे साथ है इसलिए चिन्ह हमें दिया जाए.
इतना ही नहीं कपिल सिब्बल ने ये भी कहा कि चुनाव चिन्ह पर विवाद की स्थिति में फैसला बहुमत के आधार पर होता है. जिसका संख्या बल ज़्यादा होता है चिन्ह उसी का होता है. वहीं मुलायम गुट ने चुनाव आयोग के समक्ष दलीलों की फाइल पेश की.
दरअसल चुनाव आयोग में दोनों पक्षों की सुनवाई दोपहर 12 बजे से ही शुरू हो गई थी. दोनों पक्ष पार्टी सिंबल साइकिल पर अपने दावा पेश कर रहे हैं. मुलायम सिंह यादव और अखिलेश खेमे से रामगोपाल यादव चुनाव आयोग पहुंचे. वहीं किरनमय नंदा, अक्षय यादव और सुरेंद्र नागर भी चुनाव आयोग में पहुंचे.
रामगोपाल का घर बना वॉर रूम
अखिलेश खेमे के नेता दिल्ली में कैंप कर रहे हैं. चुनाव आयोग में जवाब देने से पहले रामगोपाल यादव का घर अखिलेश खेमे के लिए वॉर रूम बना हुआ है. रामगोपाल यादव के दिल्ली के लोधी एस्टेट हाउस पर सपा के सांसद और अन्य नेता लगातार पहुंच रहे हैं.
मुलायम से दावा वापस लेने की अपील
इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल ने मुलायम सिंह से अपील की है कि वो साइकिल से दावा वापस ले लें. वहीं पिछले दिनों मुलायम के रुख में अखिलेश को लेकर नरमी देखी गई है चाहे उन्हें मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर देने की बात हो या फिर सुलह की.
आपको बता दें कि नरेश अग्रवाल ने मुलायम सिंह से अपील की है कि वो चुनाव आयोग में पीछे हट जाएं और अखिलेश को आशीर्वाद दें. उन्होंने कहा है कि 'हर पिता चाहता है कि उनका बेटा आगे बढ़े और अखिलेश तो सितारा है. नेताजी ऐसा करेंगे तो उनका सम्मान और कद ऊंचा रहेगा और हम सब एक रहेंगे.'
हालांकि मुलायम सिंह कह चुके हैं कि पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अखिलेश ही होंगे लेकिन अभी तक सुलह के संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं. पार्टी में एक सोच यह भी है कि अगर चुनाव आयोग ने इस झगड़े के कारण चुनाव चिन्ह जब्त कर लिया तो चुनावों में परेशानी हो सकती है इसलिए दावा वापस लेना बेहतर होगा.