
चमत्कार हो या न हो, लेकिन आविष्कार होते रहने चाहिेए. ऐसा ही एक कमाल का आविष्कार किया है 15 साल की लड़की रेगान जामालोवा ने. जिसने एक ऐसी डिवाइस बना दी है जिससे बारिश की बूंदों से बिजली बन सकती है. आइए जानते हैं कैसे होगी ये डिवाइस.
रेगान जामालोवा अजरबैजान (पूर्वी यूरोप और एशिया के मध्य में बसा हुआ मुस्लिम देश) की रहने वाली हैं. उनकी उम्र 15 साल है और 9वीं कक्षा की छात्रा है.
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कैसे आया डिवाइस बनाने का आइडिया
9वीं कक्षा में पढ़ने वाली जामालोवा ने एक बार अपने पिता से पूछा कि जब हवा से बिजली बन सकती है तो बारिश से क्यों नहीं बन सकती? पिता इस सवाल का जवाब तो नहीं दे पाए. लेकिन जामालोवा के मन में इस सवाल का जवाब जानने की बैचेनी थी. जिसके बाद उसने सोचा क्यों न इस सवाल का जवाब खुद ही खोज लिया जाए. यहीं से जामालोवा को बारिश की बूंदों से बिजली बनाने का आइडिया आया.
दोस्त की ली मदद
बारिश की बूंदों से बिजली बनाने वाले डिवाइस को बनाना आसान नहीं था. इसके लिए जामालोवा ने अपनी दोस्त जहरा की मदद ली. जिसके बाद दोनों लड़कियां बिजली बनाने की डिवाइस तैयारी करने में लग जुट गई. ऐसा ही दोनों लड़कियों ने खुद ही डिवाइस तैयार कर ली. दोनों ने अपनी फिजिक्स टीचर की भी मदद ली.
ये है डिवाइस का नाम
बारिश की बूंदों से बिजली बनाने की डिवाइस का नाम जामालोवा ने 'रेनर्जी' का नाम दिया है. आपको बता दें, ये आइडिया इतना शानदार था कि दोनों को अजरबैजान सरकार ने 20 हजार डॉलर रुपये दिए. आपको बता दें, बारिश से बिजली बनाने वाली यह डिवाइस की लंबाई 9 मीटर हैं. इस डिवाइस के चार हिस्से हैं- रेनवॉटर कलेक्टर, इलेक्ट्रिक जेनरेटर, बैटरी और वॉटर टैंक.
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कैसे काम करती है ये डिवाइस
रेनर्जी नाम की डिवाइस आसानी से काम करती है. सबसे पहले टैंक में कलेक्टर के जरिए पानी भरना पड़ता है जिससे जनरेटर ऑन होता है और फिर बिजली उत्पन्न होती है. जो बिजली इससे बनती है उसे बैटरी में स्टोर कर लिया जाता है. जिसके बाद उस बिजली का इस्तेमाल घरों में लाइट्स जलाने के लिए किया जाता है. आपको बता दें, रेनर्जी डिवाइस अभी एक प्रोटोटाइप है. जिसमें अभी लीटर तक का पानी आ सकता है. लेकिन इसमें इतनी बिजली होती है कि तीन LED लाइट जल सकती है.
इस डिवाइस की खासियत ये है कि ये ईको-फ्रेंडली हैं जिस वजह से इसमें किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं फैलता. आपको बता दें, दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहां सालभर बारिश होती है. जैसे:- फिलिपीं, मलेशिया और भारत जैसे देशों ने इस प्रोटोटाइप पर काम करने के लिए अजरबैजान की सरकार से संपर्क भी किया है. जामालोवा ने बताया मेरी ये डिवाइस उन देशों की मदद करेगी जहां बिजली की कमी ज्यादा रहती है. इससे बिजली की समस्या दूर हो सकती है.