
Employment Exchange में रजिस्टर कराने वाले सिर्फ 1% छात्रों को ही नौकरी मिल सकी है. यह जानकारी श्रम मंत्रालय ने सोमवार को संसद में दी.
30 सितंबर 2015 की एक रिपोर्ट के अनुसार एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज में रजिस्टर करने वाले सिर्फ 0.56% कैंडिडेट्स को ही प्लेसमेंट मिल सका. बता दें कि एक्सचेंज में करीब 4,48,52,500 कैंडिडेट्स ने रजिस्टर कराया था, जिसमें सिर्फ 2,53,900 को ही प्लेसमेंट मिला. श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने लोक सभा में एक लिखित जवाब में यह बताया.
पद्म विभूषण से सम्मानित शिक्षाविद और साइंटिस्ट यशपाल का निधन
साल 2014 में नौकरी पाने के लिए एक्सचेंज में 4,82,61,100 कैंडिडेट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें सिर्फ 0.7% यानी 3,38,500 लोगों को ही नौकरी मिल सकी.
जबकि साल 2013 में 0.9% कैंडिडेट्स का प्लेसमेंट हुआ.
श्रम मंत्री लोक सभा में उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें यह पूछा गया था कि पिछले 3 से 4 साल के दौरान कितने कैंडिडेट्स का प्लेसमेंट एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज के जरिये हुआ है.
सरकार से मिली हरी झंडी तो कॉलेजों में फ्री WiFi देगा JIO
एक दूसरे सवाल के जवाब में बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि श्रम मंत्रालय नेशनल करियर सर्विस (NCS) कार्यान्वित करने वाला है, जो मिशन मोड में नेशनल एम्प्लॉयमेंट सर्विस को दुरुस्त करेगा.
यह जॉब प्रोफाइल को एम्प्लॉयर की रिक्वायरमेंट से मैच करेगा. नेशनल करियर सर्विस के तहत साल 2016-17 के दौरान 540 जॉब फेयर का आयोजन किया गया.