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सक्षम लोग स्वेच्छा से सब्सिडी लेना छोड़ दें: धर्मेंद्र प्रधान

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज तक के खास कार्यक्रम सीधी बात में कहा कि बहुत सी सरकारी तेल कंपनियों के अधिकारियों ने स्वेच्छा से तेल की खरीद पर सब्सिडी लेना छोड़ दिया है. ये बात एक आंदोलन की तरह देश में होनी चाहिये. सक्षम लोग स्वेच्छा से तेल की खरीद पर सब्सिडी लेने से इनकार करें.

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 जुलाई 2014,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज तक के खास कार्यक्रम सीधी बात में कहा कि बहुत सी सरकारी तेल कंपनियों के अधिकारियों ने स्वेच्छा से तेल की खरीद पर सब्सिडी लेना छोड़ दिया है. ये बात एक आंदोलन की तरह देश में होनी चाहिए. सक्षम लोग स्वेच्छा से तेल की खरीद पर सब्सिडी लेने से इनकार करें.

उन्होंने कहा कि किसको सब्सिडी मिलनी चाहिए, किसको नहीं, इस आधार पर डबल प्राइसिंग सिस्टम को ध्यान में रखते हुए ग्राहकों का वर्गीकरण भी किया जाएगा.

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इस सवाल पर कि क्या रेल मंत्री की तरह तेल मंत्री भी जनता पर बोझ बढ़ाने का इरादा रखते हैं? बीजेपी नेता ने जवाब में कहा 'गैस, डीजल और केरोसीन को लेकर नीतियों में कोई फर्क नहीं किया जाएगा. रही बात पेट्रोल की तो उसे बहुत पहले बाजार के ढर्रे के साथ जोड़ दिया गया है. पेट्रोल के दाम में फर्क बाजार के चलन के हिसाब से होता रहेगा. लेकिन जनता ने हम पर भरोसा जताकर हमें पांच साल के लिये चुना है. हम जनता पर दाम को लेकर किसी किस्म का भार नहीं पड़ने देंगे.'

इस सवाल पर कि किरीट पारिख की रिपोर्ट आई है और उसमें सिफारिश की गई है कि डीजल के दाम 5 रुपये केरोसिन के 4 रुपये और रसोई गैस का दाम प्रति सिलेंडर 250 रुपया बढ़ाया जाना चाहिये. तो क्या आप इसे लागू करेंगे? इसके जवाब में धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा 'ये तो सुझाव हैं. पिछली सरकार ने इस कमेटी का गठन किया था. नई सरकार नए तरीके से काम करेगी. गरीबों पर बोझ नहीं डाला जाएगा.'

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इस सवाल पर कि आपके मंत्री बनते ही पेट्रोल 1 रुपया 69 पैसे बढ़ा, डीजल के दाम में 50 पैसे की बढ़ोतरी हुई. और रसोई गैस की कीमत भी बढ़ी? जवाब में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा- ये सरासर गलत है. जो एलपीजी की बात आप कर रहे हैं. वो आप नॉन सब्सिडाइज्ड सिलेंडर की बात आप कर रहे हैं. हालात ये हैं कि देश का दीवालिया निकला हुआ है. अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है. और दूसरी तरफ देश के अंदर निजी उत्पादन घटा है. उसे बढ़ाना है. इन हालात में भी हम जनता पर बोझ नहीं पड़ने देंगे. क्योंकि जनता ने हम पर भरोसा किया है.

किस भरोसे की बात कर रहे हैं आप? सरकार बनाने से पहले तो ये कहा नहीं कि अच्छे दिनों का रास्ता बुरे दिनों से होकर गुजरेगा? इस सवाल के जवाब में धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा 'देखिये जनता ने हमें लोकतांत्रिक तरीके से चुना है. हम जनता के भरोसे को ठेस नहीं पहुंचने देंगे. वैसे आपको बता दूं इस समय देश के सामने आयात और सब्सिडी का खर्चा दो बड़ी चुनौतियां हैं. हमें निजी उत्पादन बढ़ा कर आयात घटाना होगा. बिना मू्ल्य वृद्धि किये सब्सिडी घटाने की जरूरत है. ये हासिल किया जाएगा टारगेट कस्टमर बेस की मदद से. आधुनिक तकनीक की मदद से चीजों को व्यवस्थित करेंगे. कोशिश होगी डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर की मदद से जनता को सीधे लाभ पहुंचाया जा सके. इसके लिये कि बीच में कोई चोरी ना कर सके व्यवस्था की विसंगतियों को दूर करेंगे.'

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विसंगतियों को दूर कैसे करेंगे? इसके जवाब में पेट्रोलियम मंत्री ने कहा– चीजें डिजीटाइज की जाएंगी. वैसे हम कह सकते हैं कि पिछली सरकार का मॉडल अच्छा था लेकिन उसका तरीका गलत था. इसको सुधारा जा सकता है. उन्होंने जल्दबाजी में काम किया. दूसरी ओर लोगों को खुद भी कदम उठाने पड़ेंगे. जैसे हमारी ऑयल कंपनियों के बहुत से अधिकारियों ने स्वेच्छा से सब्सिडी सरेंडर कर दिया है. इसे एक आंदोलन की तरह देश में लोगों के बीच फैलाना पड़ेगा.

इस बात से ध्यान आया कि क्या बड़ी गाड़ी चलाने वालों को भी तेल पर सब्सिडी मिलनी चाहिये? क्या आप ऐसा कर सकते हैं कि जैसे कोई एसयूवी वाला पेट्रोल पंप पर गया तो उससे तेल के ज्यादा पैसे लें और दूसरों से कम?

इसके जवाब में धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा 'देखिये इस पर चर्चा होनी चाहिये कि देश में एक टारगेटड कस्टमर बेस हो. हम चीजों के डबल रेट अभी नहीं कर सकते. 40 दिन में ऐसा हो भी नहीं सकता. इस विषय पर सोच चल रही है. डबल प्राइसिंग सिस्टम (दोहरी दाम प्रणाली-सबसिडाइज़्ड और नॉन सबसिडाइज़्ड कीमत) के तहत ग्राहकों के वर्गीकरण में समय लगेगा. इस तरह जरूरी नहीं कि क़ीमतें बढ़ा कर ही सब्सिडी के खर्चे की भरपाई की जाए बल्कि टारगेट कस्टमर बेस के जरिये भी इसे हासिल किया जा सकता है.'

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इस सवाल पर कि धर्मेन्द्र प्रधान औद्योगिक घराने के आशीर्वाद से मंत्री बने या फिर पीएम के? जवाब में पेट्रोलियम मंत्री ने कहा “मैं भगवान के आशीर्वाद से मंत्री बना हूं. प्रधानमंत्री जी ने मुझ पर भरोसा दिखाया. अपने विवेक से उन्होंने मुझे ये जिम्मेदारी सौंपी.'

लेकिन क्या आप रंगराजन कमेटी के प्रस्तावों को लागू करेंगे? इसके जवाब में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा- हम रंगराजन कमेटी के प्रस्तावों को नहीं लागू करेंगे. वैसे हमारा इरादा है कि तेल के मामले में देश आत्मनिर्भर हो.

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