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छत्तीसगढ़ बी.एल अग्रवाल के CA पर भी ईडी की गाज, संपत्ति जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बाबूलाल अग्रवाल के लिए मनी लांड्रिंग के लिए फर्जी कंपनी खोलने और उसे संचालित करने के आरोप में धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत सीए सुनील अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई की है.

सुनील अग्रवाल सुनील अग्रवाल
सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 21 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:54 PM IST

छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रमुख सचिव बी.एल अग्रवाल पर कसे कानूनी शिकंजे के बाद अब उनके चार्टड अकाउंटेट सुनील अग्रवाल पर भी ईडी की गाज गिरी है. ईडी ने अग्रवाल की 20 लाख की संपत्ति जब्त कर ली है. ईडी की ओर से की गई यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग के लिए फर्जी कंपनी खोलने और उसके संचालन के लिए की गई है. हालांकि, आईएएस अधिकारी बी.एल अग्रवाल के सीबीआई के हत्थे चढ़ने के बाद उन्हें केंद्र सरकार ने कम्पल्सरी रिटायरमेंट दे दिया है.

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बाबूलाल अग्रवाल के लिए मनी लांड्रिंग के लिए फर्जी कंपनी खोलने और उसे संचालित करने के आरोप में धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत सीए सुनील अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई की है. जब्त संपत्ति का मूल्य 20 लाख रूपये है, जिसमे एक भू-खंड है, जिसका माप 1233 वर्गफीट है. यह भू-खंड देवपुरी रायपुर में है. ईडी रायपुर ने अपनी जांच में आरोपी द्वारा कमीशन के रूप में प्राप्त काली कमाई की मनी ट्रेल को उजागर किया था.

ईडी के मुताबिक जब्त की गई संपत्ति आरोपी सुनील अग्रवाल की ओर से बाबूलाल अग्रवाल के लिए मनी लांड्रिंग करके प्राप्त की गई थी. जांच में आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार किया है. उसने अपने भतीजे आलोक अग्रवाल व चाचा विनोद अग्रवाल के साथ खरोरा और आसपास के ग्रामीणों से सम्पर्क कर उनके नाम से पैन कार्ड जारी करवाया और अधिकांश की आयकर रहित आयकर विवरणी दाखिल की.

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उसने इन पैन कार्ड, आयकर रिटर्न, फोटोग्राफ और अन्य दस्तावेजों को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की रामसागरपारा व पंडरी शाखा में कुल 446 खाते खोलने में प्रयोग किया. बैंक को गुमराह कर सीए ने सभी ग्राहकों के  जाली हस्ताक्षरों का उपयोग किया. ईडी ने यह भी कहा कि आरोपी सीए ने अपने बयान में दर्ज कराया है कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के बैंक अधिकारीयों ने बाबूलाल अग्रवाल के भाई पवन अग्रवाल और अशोक अग्रवाल के निर्देश पर उक्त 446 बैंक खाते खुलवाने में मदद की, जिसमे उनसे प्राप्त नगदी को इन खतों में जमा किया जा सके.

आरोपी सीए सुनील अग्रवाल ने अपने रिश्तेदारों को 13 मुखौटा कंपनियों का निदेशक बनाकर काले धन को व्हाइट किया. जांच में यह बात सामने आई कि लगभग 39.67 करोड़ की अवैध राशि जो बाबूलाल अग्रवाल के पास थी, सुनील अग्रवाल द्वारा गलत ढंग से खोले गए 446 बेनामी खातो में जमा की गई और इसे व्हाइट करने के उद्देश्य से 13 फर्जी कंपनियों में शेयर एप्लिकेशन मनी के तहत डाला गया. जिससे अंततः बाबूलाल अग्रवाल ने भाई की कंपनी प्राइम इस्पात लिमिटेड में निवेशित किया.

सुनील अग्रवाल ने यह भी स्वीकार किया कि बेनामी खातों तथा फर्जी कंपनियों के माध्यम से शोधित राशि 0.5 प्रतिशत उसके द्वारा कमीशन के रूप में प्राप्त किया गया. इस मामले में ईडी रायपुर ने पूर्व में बाबूलाल अग्रवाल की 36.09 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. फिलहाल सीए सुनील अग्रवाल वर्तमान में केंद्रीय जेल रायपुर में बंद है.

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