
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) रिटायरमेंट से पहले ही सदस्यों द्वारा भविष्य निधि कोष में जमा रुपये निकालने की प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने की योजना बना रहा है. इसके लिए ईपीएफओ अंशधारकों की 10 फीसदी राशि को उनके 50 साल का होने तक रोकने की योजना पर विचार कर रहा है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की हाल की समीक्षा बैठक में उसके केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त के.के. जालान ने सदस्यों द्वारा उनके रिटायरमेंट से पहले ही पूरी जमाराशि निकालने को हतोत्साहित करने के बारे में प्रस्ताव मांगा. इसी महीने हुई बैठक में जालान ने सदस्यों के सेवा काल के दौरान उनकी अन्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आंशिक निकासी की सुविधा को संशोधित करने की बात कही.
इस बात पर विचार किया जा रहा है कि नियमों में ऐसा बदलाव किया जाए, जिससे 50 साल की आयु पूरी होने तक भविष्य निधि खाते की पूरी राशि का भुगतान न किया जाए. उन्होंने कहा, सदस्यों द्वारा जॉब की छोटी अवधि के बाद ही निपटान के लिए आवेदन करने को हतोत्साहित करने के लिए कुछ राशि को रोक लिया जाना चाहिए.
जालान ने कहा कि इस तरह की परिपक्वता से पहले की निकासी को हतोत्साहित करने के लिए भविष्य निधि खाते में जमा राशि में से सिर्फ 90 फीसदी राशि जारी की जाए और शेष 10 फीसदी राशि उसकी यूनिवर्सन खाता संख्या में रखी जाए. बैठक के मिनट्स से पता चलता है कि ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) के सभी कर्मचारी प्रतिनिधि परिपक्वता पूर्व निकासी को हतोत्साहित करने के पक्ष में थे.
- इनपुट भाषा से