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जानें वानखेड़े स्टेडियम के बारे में रोचक फैक्‍ट

ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मैच वानखेड़े स्टेडियम में हो रहा है. जानें वानखेड़े को लेकर कुछ कही-अनकही बातें...

वानखेड़े स्टेडियम वानखेड़े स्टेडियम
स्नेहा
  • नई दिल्‍ली,
  • 31 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 7:37 PM IST

वानखेड़े स्टेडियम से जुड़ी ऐसी बातें जिसे ट्वेंटी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप सेमीफाइनल से पहले जान कर आपका दिल गार्डन-गार्डन हो जाएगा.

इस स्टेडियम की पैदाइश के पीछे बॉम्बे क्रिकेट एसोसिएशन (अब मुंबई क्रिकेट असोसिएशन) और ब्रेबॉर्न स्टेडियम - द क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया के केयरटेकर्स का विवाद मुख्य वजह है. यह विवाद यहां दर्शकों को बैठाने की जगह और संख्या को लेकर था, खैर हम तो इस विवाद के लिए इन दोनों क्लबों को धन्यवाद देना चाहेंगे कि उनकी वजह से हमें वानखेड़े मिला.

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1. इस स्टेडियम को साल 1974 में स्थापित किया गया था.
2. वानखेड़े स्टेडियम दर्शकों को बैठाने के मामले में भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्टेडियम है. आजकल यहां 33,108 लोग बैठ कर मैच का मजा ले सकते हैं. पहले यहां की कैपेसिटी 45,000 थी.
3. वानखेड़े स्टेडियम का नाम राजनेता सेशराव कृष्णराव वानखेड़े के नाम पर रखा गया है, जो एक बेहतरीन क्रिकेट प्रबंधक भी थे.
4. रवि शास्त्री ने 6 गेंदों पर 6 छक्के इसी मैदान पर मारे हैं और छक्के खाने वाले गेंदबाज बड़ौदा के तिलक राज थे. इन छक्कों की मदद से रवि शास्त्री ने साल 84-85 में सबसे तेज दोहरा शतक बनाया था.
5. समंदर के नजदीक होने की वजह से इस मैदान के पिच का मिजाज समय-समय पर बदलता रहता है. जो कभी स्पिन तो कभी स्विंग गेंदबाजों का मददगार बन जाता है.  
6. बांग्लादेश ने इस मैदान पर एक दिवसीय मैच का न्यूनतम स्कोर बनाया है. यह बात सन् 1998 का है और बांग्लादेश की टीम भारत के खिलाफ खेलते हुए 115 रन पर ऑल आउट हो गयी थी. 

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