OROP पर PM मोदी के ऐलान के बाद पूर्व सैनिकों ने खत्म किया आमरण अनशन, धरना जारी
OROP को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर हंगर स्ट्राइक कर रहे पूर्व सैनिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ऐलान का स्वागत किया है कि हर पेंशनधारी सैनिक को OROP का लाभ मिलेगा. पूर्व सैनिक सतबीर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस आश्वासन से सब खुश हैं. लेकिन सरकार जब तक इस बारे में लेटर जारी नहीं करती है तबतक पूर्व सैनिक रिले हंगर स्ट्राइक जारी रखेंगे.
OROP को लेकर फरीदाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐलान किया. पीएम ने कहा कि 'वन रैंक, वन पेंशन' का लाभ सभी सैनिकों को मिलेगा, फिर चाहे मामला समय से पहले रिटायरमेंट का ही क्यों न हो. पीएम के इस ऐलान का सीधा असर दिल्ली के जंतर-मंतर पर हुआ, जहां पूर्व सैनिकों ने आमरण अनशन को खत्म कर दिया है.
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हालांकि पूर्व सैनिकों ने यह भी कहा कि सरकार के लिखित आदेश आने तक प्रदर्शन जारी रहेगा और 12 सितंबर को गौरव रैली निकाली जाएगी. आमरण अनशन समाप्ति की घोषणा से पहले पूर्व सैनिक सतबीर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस आश्वासन से सब खुश हैं. लेकिन सरकार जब तक इस बारे में लेटर जारी नहीं करती है तबतक पूर्व सैनिक रिले हंगर स्ट्राइक जारी रखेंगे.
सतबीर सिंह ने कहा कि लिखित ऑर्डर नहीं मिलता है तो फिर अनशन टिल डेथ शुरू करेंगे. इसके अलावा पूर्व सैनिक पांच साल के समीक्षा को लेकर भी विरोध में हैं.
उन्होंने कहा कि हम 1 सदस्यीय कमेटी पर भी सहमत नहीं हैं. पूर्व सैनिक 12 सितंबर को गौरव रैली भी करेंगे. इसकी घोषणा भी जंतर-मंतर पर की गई.
गौरतलब है कि शनिवार को सरकार ने OROP की मांग मान ली थी. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पूर्व सैनिकों की मांग को पूरा करते हुए शनिवार को वन रैंक वन पेंशन का ऐलान किया. रक्षा मंत्री ने कहा कि हमने 40 साल पुरानी मांग पूरी करके अपना वादा पूरा कर दिया है. रक्षा मंत्री ने बताया, 'वन रैंक वन पेशन योजना 1 जुलाई 2014 से लागू होगी और पूर्व सैनिकों को चार छमाही किश्तों में एरियर मिलेगा. समान पद पर समान पेंशन मिलेगी.' पूर्व सैनिकों की विधवाओं को बकाया एकमुश्त दिया जाएगा. इस पर 8 हजार से 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. वन रैंक वन पेंशन के लिए 2013 को आधार वर्ष माना जाएगा.
पर्रिकर ने बताया कि हर पांच साल में पेंशन की समीक्षा होगी और स्वैच्छिक रिटायरमेंट यानी वीआरएस लेने वाले सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन का ऐलान बाद में किया जाएगा. एक सदस्यीय न्यायिक कमेटी भी बनाई जाएगी.
तब पूर्व सैनिक सतबीर सिंह ने कहा था कि, 'सरकार ने हमारी 1 बात मानी, 6 बातें नहीं मानी. भूख हड़ताल पर हम बाद में फैसला करेंगे.' उन्होंने कहा कि किसी सीनियर को जूनियर से कम पेंशन नहीं मिलनी चाहिए और एक की बजाय पांच सदस्यीय न्यायिक कमेटी बननी चाहिए, जिसमें सेना का भी प्रतिनिधित्व भी हो. पांच साल में समीक्षा को लेकर भी पूर्व सैनिक मानने को तैयार नहीं हैं.