
सुकमा हमले पर बीएसएफ के पूर्व निदेशक ईएन राममोहन का कहना है कि 2010 में दंतेवाड़ा हमले पर जो रिपोर्ट दी गई थी, उस रिपोर्ट को ये लोग बंद करके बैठ गए होंगे, उससे कोई सबक नहीं लिया गया. लिहाजा अहम बातों को दरकिनार कर सुरक्षा बलों के मूवमेंट के नियमों का पालन नहीं हुआ. जब भी सुरक्षा बल जंगलों में मूवमेंट करते हैं खास तौर तब ज्यादा जवानों की जरूरत होती है. ऐसा नहीं हुआ, इसी वजह से इतनी बड़ी तादाद में नक्सलियों ने जवानों की घेरा और निशाना बनाया.
राम मोहन का कहना है कि यह नेतृत्व की गलती और लापरवाही है और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. पूरे इलाके को कवर करने के लिए दल होने चाहिए. जिसकी भी घोर लापरवाही से यह हमला हुआ, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि आगे के लिए सबक लिया जा सके. जंगलों में गस्त के वक्त ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए.
जब तक रोड ओपनिंग पार्टी (ROP) की मंजूरी न मिले, तब तक इलाके में मूवमेंट नहीं करना चाहिए. उनका कहना है कि क्या नियम हैं और कैसे इनका पालन करना है ये सब कुछ दर्ज है, लेकिन ये लोग उसको पढ़ते नहीं है. जानकारी सभी को होती है बावजूद इसके अति उत्साह के चलते ऐसी गलतियां बार-बार हो रही हैं. ये कोई सबक नहीं लेते हैं, जिसका खामियाजा जवानों और उनके परिवारों को भुगतना पड़ता है.