
दिल्ली मेट्रो ने एक नई पहल की है और इसके तहत डीएमआरसी ने मेट्रो स्टेशनों पर पूर्व सैनिकों को तैनात करने का फैसला किया है. शुरुआत में राजीव चौक और नई दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर पूर्व सैनिकों की तैनाती होगी. पूर्व सैनिकों को मेट्रो के ग्राहक सेवा केंद्र और स्टेशनों पर निगरानी के साथ ही मुसाफिरों की मदद के काम में लगाया जाएगा.
शुरुआती चरण में डीएमआरसी ने 100 पूर्व सैनिकों को तैनाती दी गई है. ग्राहक सेवा केंद्र के तहत पूर्व सैनिक स्टेशन के प्लेटफॉर्म, आटोमेटिक फेयर कलेक्शन गेट्स स्टेशन के गेट्स, गैलरीज और एसक्लेटर्स एरिया में अपनी सेवाएं देंगे. निगरानी के काम में पूर्व सैनिक स्टेशन की इमारतों की देखरेख के अलावा चोरी संभावित इलाकों में अपनी सेवाएं देंगे.
यात्रियों के ऐसे मदद करेंगे पूर्व सैनिक
डीएमआरसी ने पूर्व सैनिकों के अपनी नई भूमिका के लिए ट्रेनिंग भी दी है. इस ट्रेनिंग में भीड़ प्रबंधन, बोर्डंग और डीबोर्डिंग, मुसाफिरों की लाइन सुनिश्चित करना, संदिग्ध लोगों पर नजर रखना, आत्महत्या के प्रयासों को असफल बनाना, लोगों की समस्याओं का समाधान करके उन्हें यात्रा के बारे में जानकारी देना, मुसाफिरों को सही एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स की जानकारी देना, स्टेशन के बाहर अवैध तरीके से कब्ज़ा जमाने वालों को हटाना और स्टेशन के बाहर के एरिया को साफ सुथरा रखना जैसी बातें शामिल हैं.
पूर्व सैनिकों की तैनाती ट्रायल के आधार पर
डीएमआरसी ने आर्मी वेलफेयर प्लेसमेंट एजेंसी के साथ मिलकर ये पहल की है, ताकि आर्मी से रिटायर हुए सैनिकों की सेवाओं का इस्तेमाल किया जा सके. फिलहाल पूर्व सैनिकों की तैनाती ट्रायल के आधार पर है. दो स्टेशनों पर मिले फीडबैक के आधार पर मेट्रो के नेटवर्क में इन सैनिकों की तैनाती की प्रक्रिया आने वाले वक्त में शुरू की जा सकती है.
मेट्रो में रोजाना सफर करते हैं 30 लाख लोग
डीएमआरसी के प्रवक्ता के मुताबिक दिल्ली मेट्रो में करीब 30 लाख लोग रोजाना सफर करते हैं, उनकी सुविधा के लिए मेट्रो का अपना स्टाफ स्टेशन पर होता है, लेकिन मुसाफिरों को प्लेटफार्म से लेकर स्टेशन के किसी भी हिस्से में परेशानी न हो इसके लिए पूर्व सैनिकों की सेवाएं ली जा रही है. साथ ही पूर्व सैनिकों की तैनाती से मेट्रो स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था भी पुख्ता करने में मदद मिलेगी.