
मानसून की झमाझम बारिश का सिलसिला मध्य भारत और पश्चिम भारत में जारी है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो तीन दिनों तक पश्चिमी मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के तमाम इलाकों में मूसलाधार बारिश दर्ज की जाएगी. इस दौरान उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर मूसलाधार बारिश की आशंका है.
पिछले 24 घंटों में हुई बारिश पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा बारिश राजस्थान के चितौड़गढ़ में रिकॉर्ड की गई है. यहां पर 23 सेंटीमीटर की भारी बारिश हुई है. हल्दिया में 11 सेंटीमीटर, देहरादन में 9 सेंटीमीटर, करनाल में 8 सेंटीमीटर, झांसी, वाराणसी, महाबलेश्वर और ओखा में 7-7 सेंटीमीटर की झमाझम बारिश दर्ज की गई है. देश के तमाम इलाकों में हो रही झमाझम बारिश के चलते देश भर में मानसून की बारिश सामान्य बारिश के मुकाबले 103 फीसदी रही है.
मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में हो रही झमाझम बारिश के चलते मानसून की हालत में और सुधार हुआ है. इस समय देश के 28 फीसदी हिस्से में अतिवृष्टि हुई है, यानी इन सभी इलाकों में मानसून की बारिश सामान्य के मुकाबले 20 फीसदी या इससे ज्यादा रही है.
पश्चिमी मध्य प्रदेश में अब तक मानसून की बारिश 48 फीसदी ज्यादा रही है. पूर्वी मध्य प्रदेश में अब तक मानसून की बारिश 33 फीसदी ज्यादा रही है. पूर्वी राजस्थान में अब तक मानसून की बारिश 41 फीसदी ज्यादा रही है. रायलसीमा में अब तक मानसून की बारिश 44 फीसदी ज्यादा रही है. विदर्भ में अब तक मानसून की बारिश 32 फीसदी ज्यादा रही है. मराठवाड़ा में अब तक मानसून की बारिश 27 फीसदी ज्यादा रही है. मध्य महाराष्ट्र में अब तक मानसून की बारिश 31 फीसदी ज्यादा रही है. कोंकण गोवा में अब तक मानसून की बारिश 29 फीसदी ज्यादा रही है. उत्तर अंदरूनी कर्नाटक में अबतक मॉनसून की बारिश 24 फीसदी ज्यादा रही है.
मौसम विभाग का अनुमान है कि मानसून की बारिश 12 तारीख से उत्तर भारत में और जोर पकड़ेगी और इस बार ये अनुमान है कि अगस्त के दूसरे पखवाड़े में मानसून की अच्छी बारिश के दो तीन दौर देखे जाएंगे. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि अगस्त खत्म होते होते मानसून उत्तर भारत में कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा कर सकता है.