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EXCLUSIVE: आजम बोले- नेताजी तो मुझे भी झेलते हैं, कांग्रेस को प्रत्याशी मिल जाए यही बहुत

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान का मानना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सपा की सबसे बड़ी ताकत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की साफ-सुथरी और विकास करने वाले युवा नेता की छवि है.

सपा नेता आजम खान सपा नेता आजम खान
पीयूष बबेले
  • नई दिल्ली,
  • 20 मई 2016,
  • अपडेटेड 5:04 PM IST

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खान इन दिनों पार्टी में अमर सिंह की वापसी से थोड़े नाराज चल रहे हैं. हालांकि, उन्होंने यह कहकर इस ओर विवाद शांत करने की कोशिश की कि पार्टी में अंतिम फैसला मुलायम सिंह ही करते हैं. लेकिन 'इंडिया टुडे' से खास बातचीत में खान ने कहा, 'नेताजी को हर तरह के आदमी को साथ लेकर चलना पड़ता है. वह तो मुझे भी बर्दाश्त करते हैं.'

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अखि‍लेश की साफ-सुथरी छवि के साथ लड़ेंगे चुनाव
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान का मानना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सपा की सबसे बड़ी ताकत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की साफ-सुथरी और विकास करने वाले युवा नेता की छवि है. आजम ने कहा कि याद कीजिए तो पिछली बार जब मायावती की सरकार गिरी थी, उसके पहले उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. पूरा प्रदेश तब भ्रष्टाचार की चपेट में था, वहीं अखिलेश यादव के दामन पर दाग तो दूर एक छींटा तक नहीं है. उनकी साफ-सुथरी छवि सपा की सबसे बड़ी ताकत है.

बीजेपी और बीएसपी में साठगांठ
अपनी दो टूक टिप्पणियों के लिए मशहूर आजम से जब यह पूछा गया कि अगले चुनाव में उनका मुख्य मुकाबला बीजेपी से है या बीएसपी से, आजम ने कहा, 'जरा पुराने वीडियो खंगाल कर देखिए, यही मायावती गुजरात में मोदी की तारीफ करने कईं थीं. इस बार भी बीजेपी के लोग यह माहौल बनाने में लगे हैं कि बीएसपी को बढ़त हासिल है.'

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आजम ने साफ कहा कि दोनों पार्टियों की कोई विश्वसनीयता नहीं है, इसलिए दोनों पार्टियां आपस में मिलकर समाजवादी पार्टी की घेराबंदी करने की कोशिश कर रही हैं.

नीतीश ने नहीं किया उचित सम्मान
इस सवाल पर कि बिहार में नीतीश कुमार के खिलाफ प्रत्याशी उतारकर क्या सपा ने बीजेपी की मदद नहीं की थी, आजम ने कहा कि वह वयक्तिगत तौर पर बिहार में महागठबंधन के खिलाफ चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं थे. लेकिन नीतीश कुमार ने जिस तरह से मुलायम सिंह जी को उचित सम्मान नहीं दिया, उस कारण सपा को ऐसा फैसला करना पड़ा.

'नेताजी तो मुझे भी बर्दाश्त करते हैं'
क्या भविष्य में नीतीश के साथ आया जा सकता है? इस सवाल पर रामपुर से आठ बार से विधायक खान कहते हैं, 'राजनीति में झगड़े स्थाई नहीं होते और नेता जी तो इतने खुले दिल के आदमी हैं कि जिन्होंने उन्हें खुलकर गालियां दी और अपमान किया, उन्हें तक साथ लेने में गुरेज नहीं करते. मैं कई बार उनसे पूछता हूं कि ऐसे लोगों को साथ रखने का क्या मतलब तो नेताजी यही कहते हैं कि सबको और हर तरह के आदमी को साथ लेकर चलना पड़ता है. यह नेताजी ही हैं जो मुझे भी बर्दाश्त करते हैं.'

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'अंतिम फैसला नेताजी का'
अमर सिंह की सपा में वापसी के सवाल पर उनके विरोधी माने जाने वाले खान ने कहा, 'किसे पार्टी में लाना है और किसे निकालना, इसका फैसला नेताजी को ही करना है. अगर हमसे पूछ लेते तो हम अपनी राय रख देते, अंत में फैसला तो नेताजी का ही माना जाता. खैर, हमसे नहीं पूछा तो नहीं पूछा.'

अन्ना हजारे की तरह लोकप्रियता खो रहे मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए आजम खान ने कहा कि चार साल पहले इस देश में अन्ना हजारे भी लोकप्रिय हो गए थे. लेकिन आज वह कहां हैं, कोई नहीं पूछता. उन्होंने कहा, 'लेकिन मोदी की लोकप्रियता तो अन्ना हजारे से भी तेजी से गिर रही है. विधानसभा चुनाव आते-आते बीजेपी कहीं बचेगी नहीं.'

कांग्रेस को प्रत्याशी मिल जाएं तो बहुत
उत्तर प्रदेश में प्रशांत किशोर को रणनीतिकार बनाए जाने के बाद कांग्रेस की चुनौती के सवाल पर सपा के मुस्लिम चेहरे खान ने कहा कि चुनाव लड़ने की बात छोड़ि‍ए, अगर कांग्रेस को एक चौथाई सीटों पर ढंग के प्रत्याशी मिल जाएं तो भी बड़ी बात होगी.

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