
पैकेटबंद चीजों पर आपको भरोसा है. भरोसे के पैकेट में आपकी नमकीन बंद है, चिप्स है, चॉकलेट और दूध भी है. रोटियां भी पैकेटबंद आटे से बनती हैं और तेल तो पैकेट में आते जमाना गुजर गया.
यह भरोसा पैकेट पर लगे फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी (FSSI) की मुहर पर है. लेकिन कुछ फूड इंस्पेक्टर अपनी जेब गरम करने के लिए हमारी-आपकी जिंदगी दांव पर लगा देते हैं. आज तक के स्टिंग ऑपरेशन में यह खुलासा हुआ है. स्टिंग गाजियाबाद इलाके में किया गया.
सैंपल ऐसे करते हैं फेल
यूपी के हापुड़ से सटे पिलखुआ में FSSI के फूड इंस्पेक्टर रमेश चंद बताते हैं कि वह कैसे नामी-गिरामी कंपनियों के सैंपल फेल कर देते हैं.
फूड इंस्पेक्टरः पैकिंग दूध बिक रहा है...अब आधा लीटर का पाउच है. हम उस पैकेट को ठीक से सील नहीं करेंगे...लैब जाने में चार-पांच दिन लगेंगे दूध खराब हो जायेगा...ये हमारे पास सैंपल वाली शीशी है...पैकेट फाड़ेंगे दूध डालेंगे और उस रैपर को शीशी के साथ बांधेंगे...जो डिटेल यहां है वही पेपर पर लिखेंगे...उसको मुहर लगाएंगे...कुछ ऐसे मोड़ देंगे कि दोबारा खोला जा सके...कौन जानता है सील कितनी मोड़ी...
रिपोर्टरः सही बात है...
फूड इंस्पेक्टरः घर ले आए...खोल देंगे उसे...उसमें कुछ एक्स्ट्रा मटीरियल डाल देंगे...फिर वापस सील कर देंगे...जांच के लिए भेज देंगे...ऐसे करते हैं.
20 हजार सालाना में तय हुई डील
इस फूड इंस्पेक्टर से आज तक के अंडरकवर रिपोर्टर एक बिजनेसमैन बनकर मिले. फूड इंस्पेक्टर को अपना परिचय देकर कहा कि हमारा जो प्रोडक्ट बाजार में आएगा उसमें लेड की मात्रा ज्यादा है. हम चाहते हैं कि हमारे प्रोडक्ट की जांच के लिए बाजार से सैंपल न लिए जाएं.
रिपोर्टरः बताइए भाई साहब आप अपना...
फूड इंस्पेक्टरः रामवीर (फूड इंस्पेक्टर, हापुड़) ने जो आपको अपना बताया न...थोड़ा बढ़ा लो हमारा...
रिपोर्टरः आप बता दीजिए कोई दिक्कत नहीं...
फूड इंस्पेक्टरः 10 प्लस 10 कर दो साल का...
रिपोर्टरः 20 (हजार) साल का...साल का बीस हजार रुपये...हम आको कुछ एडवांस कर देंगे. अभी दो-तीन दिन में लेकर आएंगे पाउच वगैरह...सैंपल वगैरह...
फूड इंस्पेक्टरः हां जी सैंपल जरूर दिखा देना...
फूड इंस्पेक्टर इस तरह लोगों की सेहत से सौदा कर लेते हैं. यहां ब्रांड का नाम बाजार में उनकी साख को देखते हुए नहीं लिया गया. ये फूड किसी भी ब्रांडेड प्रोडक्ट को एक लाख रुपये में फेल कराने को तैयार हो जाते हैं. इतना ही नहीं इसकी जांच रिपोर्ट को मीडिया में भी फैलाने का भरोसा दिलाते हैं.