
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद अब घातक आकाश एस-1 मिसाइल को दुश्मनों को ध्वस्त करने के लिए तैयार किया जा रहा है. जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल दुश्मनों के एयरक्राफ्ट और ड्रोन्स को हवा में तबाह कर देगी. आकाश एस-1 का अगले कुछ दिनों में परीक्षण किया जाएगा.
परीक्षण के तहत समुद्र के ऊपर आकाश एस-1 से टारगेट को भेदा जाएगा. आकाश एस-1 मिसाइल में मेक इन इंडिया के तहत बनाए उपकरण लगाए गए हैं, जो दुश्मनों के फाइटर जेट और ड्रोन्स को ध्वस्त करने की बहुत ही सटीक और प्रभावी क्षमता से लैस है.
जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश एस-1 मिसाइल दुश्मन के एयरक्राफ्ट और मिसाइल को 18-30 की किलोमीटर की दूरी से ही इंटरसेप्ट करने की क्षमता से लैस है. बता दें कि आकाश एस-1 मिसाइल की तैनाती भारतीय वायुसेना और थलसेना में होगी, जिसे चीन और पाकिस्तान के फ्रंट पर लगाया जाएगा.
जाहिर है कि सीमा पर आकाश एस-1 की तैनाती के बाद चीन और पाकिस्तान को अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करना होगा.
बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस ने रचा इतिहास
मालूम हो कि भारत ने वायुसेना के सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण कर रिकॉर्ड कायम किया है. ब्रह्मोस ने बंगाल की खाड़ी में अपने समुद्री लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा. यह हवा से लक्ष्य भेदने का मिसाइल का पहला परीक्षण था.
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, "विश्व का सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस अब जमीन, समुद्र और हवा से मार करने में सक्षम है." ब्रह्मोस रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के एनपीओएम का एक संयुक्त उपक्रम है.
मंत्रालय के अनुसार, "ब्रह्मोस ने 22 नवंबर को भारतीय वायुसेना के युद्धक विमान सुखोई-30 एमकेआई से बंगाल की खाड़ी में अपने समुद्री लक्ष्य को भेद कर इतिहास रच दिया."