
'आज तक' आपको देश की एक ऐसी जेल के खौफनाक सच से रू-ब-रू कराने जा रहा है, जहां कैदियों पर होने वाले अत्याचार की ये दास्तान सुनकर आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे. जी हां, ग्रेटर नोएडा के कासना में स्थित जेल में जो कुछ भी हो रहा है, वो ना सिर्फ जेल मैनुअल की धज्जियां उड़ा रहा है, बल्कि ये भी बता रहा है कि सिस्टम में भ्रष्टाचार कितनी गहराई तक जड़े जमाए हुए है.
हैरानी की बात है कि कासना जेल को यूपी की सबसे आधुनिक सुविधाओं वाली जेलों में से एक बताया जाता है. लेकिन इसके ठीक उलट इस जेल मे कैदियों के साथ जिस तरह का बर्ताव किया जाता है वो पूरी इंसानियत को शर्मसार करने वाला है.
भ्रष्टाचार का सिलसिला जेल के दरवाजे से ही शुरू हो जाता है. आरोप है कि कैदियों से मुलाकात के लिए आने वाले रिश्तेदारों को ही पहले जेल के स्टाफ की मुट्ठी गर्म करने पड़ती है. फिर जेल के अंदर भी सहूलियतों के नाम पर कैदियों से वसूली जाती है मोटी रकम. यदि कैदी गरीब है और पैसों का इंतेजाम नहीं कर सकता तो फिर उसकी बेरहमी से ऐसी की जाती है पिटाई कि देखने वालों की रुह कांप जाएं.
लेकिन पिटने वाले कैदियों की चीखें जेल की चाहरदीवारी से बाहर नहीं जा सकतीं, ये जेल के अधिकारियों को अच्छी तरह पता है. इसी वजह से बेखौफ चलता रहता है जुल्म और अवैध वसूली का सिलसिला. जेल के ही एक पूर्व कैदी अजय भोलाराम ने यहां की हकीकत के बारे में जो कुछ भी बताया वो होश उड़ा देने वाला था.
जेल के अंदर होती है इस तरह बर्बरता
जेल के अंदर से आई तस्वीरों और वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह कैदियों को रूई की तरह धुना जाता है. एक वीडियो में जेल के पूर्व डिप्टी जेलर अकरम खान को एक कैदी को उलटा लटका कर पीटते देखा जा सकता है. अब अकरम खान का इस जेल से तबादला हो चुका है. कैदियों की पिटाई में शूरवीर सिंह यादव नाम का मुख्य बंदीरक्षक भी पीछे नहीं. यहीं नहीं अधिकारियों के कुछ चहेते कैदियों को भी दूसरे कैदियों की धुनाई का लाइसेंस मिला हुआ है.
सहुलियत के मुताबिक तय होता है रेट
अब आपको बताते हैं कि जेल में किस तरह चलता है पैसे के दम पर कैदियों को जेल में सहुलियतें देने का खेल. यहां कैदी की जेब मोटी है तो उसे मनमांगी हर चीज़ मुहैया हो जाती है. 'आज तक' को जेल में सुविधाओं का रेट कार्ड भी हाथ लगा. इसके मुताबिक जेल में ऐसे वसूली जाती है सहुलियतों की कीमत-
सब्जी- 400 रुपए किलो
सिगरेट- 30 रुपए की एक
बीयर- 500 रुपए
शराब- 1000 से लेकर 3500 रुपए
मोबाइल- 10 हजार रुपये महीना
इंस्पेक्शन से पहले चकाचक होती है जेल
कासना जेल में 3000 कैदी है. आरोप के मुताबिक हर दिन जेल में कम से कम एक लाख रुपए की अवैध कमाई होती है. और तो और, बाकायदा रजिस्टर के जरिए इस कमाई का हिसाब भी रखा जाता है. जेल के अंदर से आए एक वीडियो में बाकायदा एनाउंसमेंट भी होते सुना गया कि इंस्पेक्शन होने वाला है, इसलिए जिसके पास पैसे, बीड़ी, सिगरेट या कोई आपत्तिजनक चीज हो उसे छुपा दे. यानी जेल में इंस्पेक्शन के लिए बाहर से कोई बड़े अधिकारी आते भी हैं तो उनके आने से पहले ही जेल में सब चकाचक कर दिया जाता है.