Advertisement

EXCLUSIVE: दिल्ली में डीजल टैक्सियों पर बैन से मुश्किल में पड़ा चुनाव आयोग

दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के डीज़ल टैक्सियों को बंद करने के फैसले के बाद चुनाव आयोग मुश्किल में पड़ गया है. आयोग राजधानी के 13 वार्ड में उपचुनाव करवा रहा है, लेकिन चुनावों से दो हफ्ते पहले आए इस फैसले के बाद आयोग में कामकाज ठप्प हो गया है.

मोनिका शर्मा/कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 03 मई 2016,
  • अपडेटेड 11:29 AM IST

दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के डीज़ल टैक्सियों को बंद करने के फैसले के बाद हजारों टैक्सी ड्राइवरों की रोजी रोटी पर तो असर पड़ा ही है, लेकिन अब दिल्ली पर एक और नई मुसीबत आ गई है. चुनाव आयोग राजधानी के 13 वार्ड में उपचुनाव करवा रहा है, लेकिन चुनावों से दो हफ्ते पहले चुनाव आयोग में कामकाज ठप्प हो गया है.

Advertisement

कमीशन ने किराए पर ली थी डीजल गाड़ियां
दरअसल कमीशन ने लगभग सौ गाड़ियां चुनाव के कामकाज को करने के लिए किराए पर लीं, जिनमें सभी डीज़ल से चलने वाली टैक्सी थी. इन्हीं टैक्सियों से चुनाव अधिकारी से लेकर चुनावों का जिम्मा संभालने वाले बाकी कर्मचारी भी एक जगह से दूसरी जगह आते जाते थे. अचानक चुनावों से ठीक पहले आई इस परेशानी ने दिल्ली चुनाव आयोग का कामकाज ही ठप्प कर दिया है.

रियायत के लिए की जा सकती है मांग
दिल्ली के राज्य चुनाव अधिकारी राकेश मेहता ने इस मुश्किल का रास्ता निकालने के लिए मंगलवार को दिल्ली के पुलिस कमिश्नर और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की बैठक बुलाई है. इस बैठक में राज्य चुनाव आयुक्त 15 मई को होने वाले चुनावों को लेकर गाड़ियों की उपलब्धता को लेकर पुलिस और सरकार से समाधान निकालने के लिए भी कहेंगे. चुनाव आयोग इन दोनों एजेंसियों को कह सकता है कि चूंकि चुनाव में अब दो हफ्ते का भी वक्त नहीं बचा है, ऐसे में इन गाड़ियों को बैन से रियायत दी जाए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement