
पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह की एनजीओ लॉयर्स कलेक्टिव में विदेशी फंड के गलत इस्तेमाल को लेकर गृह मंत्रालय ने नोटिस जारी किया है. गृह मंत्रालय ने 30 दिन के अंदर एनजीओ से जवाब मांगा है.
आज तक को जानकारी मिली है कि गृह मंत्रालय ने लॉयर्स कलेक्टिव एनजीओ के अकाउंट्स की जांच की है, जिसे इंदिरा जयसिंह चला रही हैं. जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि एनजीओ ने विदेशी डोनेशन के इस्तेमाल में गड़बड़ियां की हैं.
3 साल में 32 करोड़ का विदेशी फंड मिला
गृह मंत्रालाय की जांच रिपोर्ट के मुताबिक लॉयर्स कलेक्टिव को 2006-2014 के बीच कुल 32 करोड़ रुपये का विदेशी फंड मिला. जांच टीम ने पाया कि विदेशों से आए पैसे को उन कामों पर खर्च किया गया, जो उस लिस्ट में थे ही नहीं, जिसके आधार पर पैसा जुटाया गया था. जांच रिपोर्ट में ऐसे ही कुछ उल्लंघनों की लिस्ट बनाई गई है, जिसमें वॉलंटियर्स को धरनों के लिए पैसा देना, सरकार के लिए काम करते हुए विदेशों से पैसा जुटाना, विदेशी निवेश को भारत से बाहर भेजना और सांसदों के साथ लॉबी करने के लिए विदेशी पैसों का इस्तेमाल शामिल हैं.
गृह मंत्रालय ने मांगा जवाब
फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन (रेग्यूलेशन) एक्ट 2010 के तहत एक भारतीय एनजीओ विदेशी फंड का इस्तेमाल सिर्फ उसी काम के लिए कर सकता है, जिसके लिए फंड लिया गया है. लॉयर्स कलेक्टिव को गृह मंत्रालय ने नोटिस जारी कर एक महीने में जवाब मांगा है, जिसके बाद एनजीओ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी.
धरने के लिए दिया गया विदेशी पैसा
गृह मंत्रालय की जांच रिपोर्ट के मुताबिक 21 अक्टूबर, 2009 को दिल्ली नेटवर्क ऑफ पॉजिटिव पीपल को 88,978 रुपये का भुगतान किया गया था. ये रकम कानून मंत्रालय के बाहर धरना देने के लिए 250 लोगों को दी जानी थी. एचआईवी/एड्स बिल को लेकर प्रदर्शन करने के लिए 250 लोगों को खाना खाने और आने-जाने के लिए 200-200 रुपये दिए गए. धरनों के लिए विदेशी पैसा देना FCRA 2010 की धारा 8 के तहत उल्लंघन है.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि लॉयर्स कलेक्टिव ने विदेशी फंड का इस्तेमाल विदेशो में कॉन्फ्रेंस और चैरिटी डिनर में शामिल होने के लिए हवाई यात्रा और बाकी खर्चों पर व्यय किए हैं. विदेशों से मिले पैसे को भारत से बाहर खर्च करना FCRA की धारा 7 के तहत भी उल्लंघन है.
'छवि बिगाड़ने की कोशिश'
लॉयर्स कलेक्टिव के ट्रस्टी और इंदिरा जयसिंह के पति आनंद ग्रोवर ने कहा, 'ये हमारी छवि को जानबूझकर खराब करने की कोशिश है. इस तरह के नोटिस गोपनीय होने चाहिए. हमने गृह मंत्रालय में इसकी शिकायत दी है. हमें कानून पर विश्वास है और हम नोटिस का जवाब जरूर देंगे.' इंदिरा जयसिंह ने कहा, 'मैं इसकी जांच की मांग करूंगी कि ये जानकारियों पब्लिक डोमेन में कैसे पहुंची.'
इंदिरा ने कहा, 'हमें जवाब देने के लिए 30 दिनों का वक्त मिला है. हम अपने अकाउंटेंट्स के साथ बातचीक करने और उचित जवाब देने की प्रक्रिया में हैं. उन्हें हमारे अकाउंट्स में कुछ भी गलत नहीं मिला है. उन्हें पैसों के खर्च किए जाने के तरीके से दिक्कत है. हमारे मुताबिक ये FCRA से परे है.'
लॉयर्स कलेक्टिव एक भारतीय एनजीओ है, जो मानवाधिकार, खासतौर पर महिलाओं के अधिकार के लिए लड़ने के अलावा एचआईवी, तंबाकू और भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करता है.