
राजस्थान में बीजेपी जहां भारी शिकस्त का सामने करने जा रही है, वहीं छत्तीसगढ़ में लगातार 15 साल सत्ता में रहने के बाद बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ सकता है. इन दोनों राज्यों में कांग्रेस सत्ता में वापसी करने जा रही है. मध्य प्रदेश की लड़ाई सबसे दिलचस्प है, यहां कांग्रेस और बीजेपी में फोटो-फिनिश होने के आसार हैं. मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बेहद मामूली बढ़त हासिल है. ये निष्कर्ष इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल के हैं.
मध्य प्रदेश में कांटे की लड़ाई
मध्य प्रदेश में 2005 से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाले हुए शिवराज सिंह चौहान का ड्रीम रन आगे भी जारी रहेगा या नहीं, इस पर बड़ा सवालिया निशान लगा हुआ है. एग्जिट पोल के मुताबिक शिवराज को 28 नवंबर को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान में कांग्रेस से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. पोल के नतीजों के मुताबिक 230 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी 102 से 120 सीट पर जीत हासिल कर सकती है.
वहीं कांग्रेस को मामूली बढ़त के साथ 104 से 122 सीटें मिलने का अनुमान है. जाहिर है कि कांटे की लड़ाई है और इसमें बाज़ी किसी के भी हाथ लग सकती है. दोनों पार्टियों में फोटो फिनिश जैसी स्थिति आ सकती है. अगर ऐसा होता है तो प्रदेश में BSP और अन्य की अहमियत काफी बढ़ सकती है. एग्जिट पोल के मुताबिक BSP को 3 और अन्य को 3 से 8 सीटें मिलने का अनुमान है.
जहां तक वोट शेयर की बात की जाए तो एग्जिट पोल के मुताबिक मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 41% और बीजेपी को 40% वोट मिल सकते हैं.
अगर क्षेत्रवार बात की जाए तो चंबल की 31 सीटों में से 21 पर कांग्रेस आगे है. कांग्रेस को विंध्य की 30 सीटों में से 17 पर, महाकौशल की 47 में से 27 सीटों पर बढ़त हासिल है.
एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक बीजेपी को भोपाल क्षेत्र में भारी समर्थन हासिल होने जा रहा है. भोपाल की 20 सीटों में बीजेपी 16 पर आगे है. इसी तरह बीजेपी को मालवा की 55 सीटों में से 29, निमाड़ क्षेत्र की 18 में से 12 सीटों पर बढ़त हासिल है. जहां तक बुंदेलखंड क्षेत्र का सवाल है तो पोल के नतीजों के मुताबिक कांग्रेस और बीजेपी दोनों में बिल्कुल बराबरी की टक्कर पर हैं. बुंदेलखंड की 29 में से 14-14 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी आगे हैं.
बता दें कि मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को रिकॉर्ड 74.61% मतदान हुआ था. 2013 में राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव में 72.13% मतदान हुआ था.
बीजेपी के प्रवक्ता और चौहान सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल हितेश बाजपेयी ने ज़ोर देकर कहा कि एग्जिट पोल के नतीजे ‘जमीनी हक़ीक़त’ से मेल नहीं खाते. बाजपेयी ने कहा, ‘हम बहुमत हासिल करेंगे और राज्य में अगली सरकार बनाएंगे. हालांकि 2013 में हमने जितनी सीटों पर जीत हासिल की थी, वो संख्या कुछ घट सकती है.’
दूसरी तरफ कांग्रेस ने कहा कि एग्जिट पोल ने सही रूझान दिखाया है हालांकि पार्टी को उम्मीद से काफी कम सीटें जीतते दिखाया गया है. कांग्रेस प्रवक्ता पकंज चतुर्वेदी ने कहा, ‘हम साफ बहुमत हासिल करेंगे. लोग बड़ी संख्या में वोट देने के लिए आए. ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत बहुत ऊंचा रहा. एक बात साफ है कि जनादेश साफ और पूरा होगा. हम सरकार बनाएंगे.’
पांच साल पहले हुए चुनाव में बीजेपी को 230 विधानसभा सीटों में से 165 पर जीत हासिल हुई थी. तब बीजेपी ने लगातार तीसरी बार राज्य में सत्ता पर कब्ज़ा बरकरार रखा था. 2013 में कांग्रेस को मध्य प्रदेश में 58 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में डॉक्टर रमन सिंह के नेतृत्व में बीजेपी की 15 साल से सरकार है. पिछले तीन विधानसभा चुनावों में जहां बीजेपी और कांग्रेस में सीधा मुकाबला रहा वहीं इस बार राज्य में पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला हुआ. बीजेपी और कांग्रेस के साथ इस बार अजित जोगी और मायावती की पार्टियों के गठबंधन ने भी चुनौती पेश की. एग्जिट पोल के मुताबिक छत्तीसगढ़ में इस बार सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है.
एग्जिट पोल के आंकड़े बताते हैं कि 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 55 से 65 सीटों पर जीत हासिल होने जा रही है. वहीं बीजेपी को 21 से 31 सीटों के बीच ही संतोष करना होगा. एग्जिट पोल के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 45% वोट शेयर हासिल होने जा रहा है. वहीं बीजेपी को 38% वोट शेयर मिलने जा रहा है. अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और इसकी सहयोगी BSP को मिलाकर 4 से 8 सीट पर जीत हासिल हो सकती है. इस गठबंधन को 9% वोट शेयर हासिल हो सकता है.
छत्तीसगढ़ में क्षेत्र की बात की जाए तो कांग्रेस को बस्तर की 12 सीटों में से 10 पर बढ़त हासिल है. वहीं शेष छत्तीसगढ़ में कांग्रेस 51 सीटों पर आगे है. कांग्रेस ने बीजेपी की छत्तीसगढ़ में अनुमानित हार को इस पार्टी के 15 साल के कथित ‘कुशासन और व्यापक भ्रष्टाचार’ का नतीजा बताया. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा, जब हम सत्ता में आएंगे तो भ्रष्टाचार के सभी आरोपों के लिए विशेष जांच टीम (SIT) बनाएंगे.
वहीं बीजेपी के प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी ही सरकार बनाएगी. सुंदरानी ने कहा, ‘कांग्रेस बिना कैप्टन और बिना एजेंडे वाली टीम की तरह खेल रही है जबकि लोगों ने विकास के लिए वोट दिया.’ 2013 में मुख्यमंत्री रमन सिंह की अगुआई में बीजेपी को राज्य की 90 सीटों में से 49 पर जीत हासिल हुई थी. वहीं कांग्रेस 39 सीटें हासिल करने में कामयाब रही थी.
राजस्थान में बीजेपी साफ
एग्जिट पोल के आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान में कांग्रेस बड़ी जीत हासिल करने जा रही है. पोल के मुताबिक राज्य की कुल 200 विधानसभा सीटों में कांग्रेस के खाते में 119 से 141 सीटें जा रही हैं. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में बीजेपी को राज्य में करारी हार मिलने जा रही है. एग्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी को 55 से 72 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है. बता दें कि 2013 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 163 सीटें हासिल हुई थीं.
जहां तक वोट शेयर का सवाल है तो पोल के आंकड़ों के मुताबिक कांग्रेस को राजस्थान में 42% और बीजेपी को 37% वोट शेयर मिलने जा रहा है. मेवाड़ और जैसलमेर-बीकानेर बेल्ट को छोड़ दिया जाए तो कांग्रेस को अन्य सभी क्षेत्रों में बीजेपी पर खासी बढ़त हासिल है. सिर्फ मेवाड़ और जैसलमेर-बीकानेर बेल्ट में ही बीजेपी अपनी ज़मीन बचाती नज़र आ रही है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इंडिया टुडे से कहा, ‘बीजेपी ने विकास को आगे रख कर चुनाव लड़ा वहीं कांग्रेस के पास साफ तौर पर कोई मुद्दा ही नहीं था, इसी वजह से वो ट्रैक से उतर गई.’
तेलंगाना में राव का जलवा बरकरार
तेलंगाना में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) के नेतृत्व में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल करने जा रही है. इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल के मुताबिक टीआरएस को तेलंगाना में बड़ी जीत हासिल होने जा रही है.
एग्जिट पोल के मुताबिक 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा में केसीआर की पार्टी को 79 से 91 सीट पर कामयाबी मिल सकती है. तेलंगाना में कांग्रेस और आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगु देशम का गठबंधन सिर्फ 21 से 33 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकता है. तेलंगाना में शुक्रवार को ही मतदान संपन्न हुआ.
बीजेपी को तेलंगाना में 1 से 3 सीट पर जीत हासिल हो सकती है. वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को 4 से 7 सीटें मिल सकती हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक टीआरएस को 46% और कांग्रेस-टीडीपी गठबंधन को 37% वोट शेयर मिल सकता है. बीजेपी को राज्य में 7% वोट शेयर ही मिलने का अनुमान है. टीआरएस ने एग्जिट पोल के नतीजों का स्वागत किया है. पार्टी के महासचिव के केशव राव ने कहा, ‘रूझान बहुत सकारात्मक हैं. टीआरएस चुनाव जीतने जा रही है और फिर राज्य में सरकार बनाएगी.’
हालांकि कांग्रेस और बीजेपी एग्जिट पोल के आंकड़ों से सहमति नहीं रखते. कांग्रेस नेता जी नारायण रेड्डी ने कहा, ‘हम वास्तविक नतीजों का इंतज़ार करेंगे. अलग-अलग एजेंसियां अलग-अलग नतीजे दे रही हैं. ये सब बहुत उलझाने वाला है. हम जीत रहे हैं और ये हम जानते हैं.’
बीजेपी नेता एन रामचंद्र राव ने कहा, ‘एग्जिट पोल और सर्वे पहले भी ग़लत साबित हो चुके हैं. हम असल नतीजों की प्रतीक्षा करेंगे. अतीत में भी सर्वे में बीजेपी को नकारा जाता रहा है, लेकिन असल नतीजों में हमें जीत हासिल हुई.’ 64 वर्षीय केसीआर 2014 में तेलंगाना के आंध्र प्रदेश से अलग होकर नया राज्य बनने पर इसके पहले मुख्यमंत्री बने. इस साल सितंबर में तेलंगाना विधानसभा को भंग किए जाने से पहले 119 सदस्यीय विधानसभा में टीआरएस के 81, कांग्रेस के 17 और AIMIM के 7 और बीजेपी के 5 सदस्य थे.
मिज़ोरम
उत्तरपूर्व के आठ राज्यों में अकेला मिज़ोरम ही कांग्रेस के किले के तौर पर बचा था. अब ये किला भी दरकने जा रहा है. एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक मिज़ोरम में विपक्षी मिज़ो नेशनल फ्रंट (MNF) सत्तारूढ़ कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करता नजर आता रहा है. एग्जिट पोल के मुताबिक ज़ोरामथंगा के नेतृत्व वाले MNF को 16-22 सीटों पर जीत हासिल होने जा रही है. 40 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 8 से 12 सीटों पर जीत मिल सकती है. मिज़ोरम में ज़ोराम नेशनलिस्ट पार्टी (ZMP) को भी 8 से 12 सीट पर जीत हासिल हो सकती है.
एग्जिट पोल के मुताबिक MNF को 34% वोट शेयर मिलने जा रहा है. वहीं ZPM को 31% और कांग्रेस को 29% वोट शेयर मिल सकता है.