
अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित होते हैं तो फिर जनादेश का क्या मतलब निकाला जाए? क्या यह समझा जाए कि दिल्ली के लोगों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों को देश विरोधी नहीं माना या यह माना जाए कि उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए CAA, NRC, शाहीन बाग के मुद्दे के बजाए विकास, शिक्षा-स्वास्थ्य और पानी जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी.
विकास के मुद्दे से किनारा
देश में पिछले 60 सालों के कांग्रेस सरकार को ध्वस्त करने के लिए तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 2013 में राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी की कमान अपने हाथों में ली तो मुद्दा विकास का था. फिर क्या वजह रही कि सत्ता में दूसरी बार आने के बाद बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे को नजरअंदाज किया. हालांकि दिल्ली की जनता ने विकास के मुद्दे को अब भी नजरअंदाज नहीं किया है. एग्जिट पोल के नतीजे तो कम से कम इस बात की तस्दीक करती है.
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के सर्वे के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनाव में 37 प्रतिशत लोगों के लिए विकास मुद्दा था. जबकि 17 प्रतिशत लोगों के लिए महंगाई, 14 प्रतिशत लोगों के लिए बेरोजगारी और 6 प्रतिशत लोगों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा बड़ा मुद्दा था. वहीं 6 प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं जो केजरीवाल या उनके काम काज को पसंद करते हैं.
शाहीन बाग का असर नहीं
हालांकि दिल्ली चुनाव में देखें तो शाहीन बाग को लेकर जबरदस्त माहौल खड़ा करने की कोशिश की गई. बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने तो यहां तक कहा, 'ये (शाहीन बाग) लोग आपके घरों में घुसकर बहन-बेटियों के साथ रेप करेंगे. इसलिए राज्य में बीजेपी की सरकार बननी चाहिए.'
चुनावी प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अरविंद केजरीवाल पर शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को बिरयानी खिलाने का आरोप भी लगया था. सीधे-सीधे शब्दों में कहा जाए तो भारतीय जनता पार्टी ने शाहीन बाग को 'राष्ट्रविरोधी लोगों' के प्रतीक के तौर पर खड़ा कर दिया था.
वहीं केजरीवाल को शाहीन बाग के लोगों का हितैषी बताते हुए उन्हें 'देशद्रोही' करार दे दिया गया था. लेकिन आपको जानकर ताज्जुब होगा कि 2 प्रतिशत लोगों ने ही दिल्ली चुनाव के लिए शाहीन बाग को मुद्दा माना. यानी कुल मिलाकर देखें तो लोगों ने CAA, NRC, शाहीन बाग खारिज करके
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केजरीवाल बतौर सीएम पहली पसंद
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के सर्वे के मुताबिक दिल्ली के 54 प्रतिशत लोग, आम आदमी पार्टी के संयोजक और मौजूदा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद पर बिठाना चाहते हैं. वहीं दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, सांसद और भोजपुरी कलाकार मनोज तिवारी जो इस बार के चुनाव में काफी सक्रिय रहे, उनको 21 प्रतिशत लोग दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं.
हालांकि 2013 दिल्ली चुनाव में बीजेपी के सीएम उम्मीदवार रहे डॉ. हर्षवर्द्धन- जो वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं- को 10 प्रतिशत लोग बतौर मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं.
बरकरार है AAP की आंधी
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के सर्वे के मुताबिक आम आदमी पार्टी फिर से शानदार प्रदर्शन के साथ सत्ता में वापसी के लिए तैयार है. एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार, आप को 56 प्रतिशत, बीजेपी को 35 और कांग्रेस को पांच फीसदी वोट मिलने की संभावना है.
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हालांकि एग्जिट पोल के नतीजे को देखें तो कांग्रेस का वोट प्रतिशत 10 फीसदी से घटकर 5 फीसदी पर आ गया है. आम आदमी पार्टी को पिछली बार 54 प्रतिशत लोगों का वोट मिला था यानी इस बार दो प्रतिशत वोट का इजाफा हुआ है. वहीं बीजेपी ने भी पिछली बार की तुलना में अपना वोट तीन प्रतिशत बढ़ाया है.