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बसपा सुप्रीमो मायावती के लोगों से अपनी और अपने परिवार की जान को खतरा बताते हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि वह उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करें.
नसीमुद्दीन ने कहा, 'मुझे ऐसी सूचना मिली है कि मायावती के आपराधिक गिरोह के लोग सक्रिय हो गए हैं और मेरे ऊपर हमला कर सकते हैं. मुख्यमंत्री तो पूरे प्रदेश के होते हैं इसलिये मैं मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि वह मेरे और मेरे परिवार की सुरक्षा का इंतजाम करें और मुझे पहले जो जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली थी उसे फिर से मेरी सुरक्षा के लिये दिया जाये.
मायावती ने किया नेताओं का उत्पीड़न
नसीमुद्दीन ने मायावती द्वारा उन्हें टैपिंग ब्लैकमेलर कहे जाने पर कहा कि यह टैपिंग का काम हमने मायावती से ही सीखा है. आपने (मायावती) बसपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को ब्लैकमेल कर उनका मानसिक उत्पीड़न किया और बाद में उन्हें पार्टी से भी निकाल दिया. आप (मायावती) मानवता के लिये कलंक है. बसपा से निष्कासित सिद्दीकी बसपा सुप्रीमो द्वारा गुरुवार को लगाए गए आरोपों का जवाब दे रहे थे.
मायावती ने कहा था कि नसीमुद्दीन टैपिंग ब्लैकमेलर है. इस पर नसीमुददीन ने आरोप लगाया, 'यह ब्लैकमेलिंग और टैपिंग का काम हमने आपसे ही सीखा है क्योंकि आप पार्टी के नेताओं से लेकर अधिकारियों तक को ब्लैकमेल करती थी. मैंने यह टैपिंग अपने और अपने परिवार को बचाने के लिये की. उन्होंने मायावती द्वारा निकाले गये करीब एक दर्जन नेताओं के नाम गिनाये.
नसीमुद्दीन का आरोप था कि मायावती ने सैंकड़ों बसपा नेताओं को आरोप लगाकर पार्टी से निकाल दिया. ये लोग कांशीराम और बसपा के सच्चे समर्थक थे. इनमें से बहुत से लोगों की तो मौत हो चुकी है.
'किसी की व्यक्तिगत जिंदगी में नहीं घुसता'
नसीमुद्दीन ने कहा, 'मायावती कहती हैं कि मेरी कोई बेटी नहीं थी . अरे वह क्या जाने कि बेटा-बेटी क्या होती है. ममता क्या होती है. इस पर एक पत्रकार ने सवाल किया कि कई साल पहले बसपा के एक पूर्व नेता ने मायावती की एक बेटी होने की बात कही थी, इस पर उनका क्या कहना है, सिद्दीकी ने कहा, 'मैं किसी की व्यक्तिगत जिंदगी में नहीं घुसता.'
उन्होंने कहा, मायावती कहती हैं कि मैं अपने बेटे को चुनाव नहीं जिता सका और खुद मैं कभी चुनाव नहीं जीत सकता था. जिस 1990 के नगर पालिका चुनाव में उन्होंने मेरे हार जाने की बात की थी तो मैं बता दूं कि 1990 में बांदा में नगर पालिका का कोई चुनाव नहीं हुआ था. जहां तक मेरे बेटे के चुनाव न जीत पाने का सवाल है तो मायावती ने मुझे बुलाकर जबरदस्ती मेरे बेटे को फतेहपुर से चुनाव लड़ाया, जबकि मेरा फतेहपुर से कोई नाता नहीं था. तब भी वहां से मेरे बेटे को करीब तीन लाख वोट मिले.
'मानवता के नाम कलंक'
सिद्दीकी ने कहा कि वह तो अपने बेटे को 2014 के लोकसभा में नहीं जिता पाये, लेकिन मायावती तो पूरे प्रदेश से एक भी लोकसभा सीट नहीं जिता पाई. नसीम ने कहा, 'मायावती कहती हैं कि मुसलमान उन्हें बहुत पसंद करते हैं. मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वह अपने बल बूते पर आगामी नगर पालिका के चुनाव में किसी भी ऐसे वार्ड से चुनाव जीत कर दिखायें जो मुस्लिम बहुल है.
सदस्यता शुल्क की कॉपी का पैसा हड़पने के आरोप पर उन्होंने एक ऑडियो टेप सुनाया, जिसमें वह बसपा के प्रदेश कार्यालय में खुद का पैसा जमा करवाने की बात कर रहे थे. नसीम ने दावा किया कि मायावती का सदस्यता शुल्क का मतलब केवल उगाही थी. एक सवाल के जवाब में नसीम कहा, 'मैं किसी महिला के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकता. हां, यह जरूर कह सकता हूं कि वह (मायावती) मानवता के नाम पर कलंक हैं.'