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महमूद अख्तर से पूछताछ में खुलासा- PAK उच्चायोग के 16 और कर्मचारी जासूसी रैकेट में शामिल

भारत में पाकिस्तान के उच्चायोग के जरिए चल रहे जासूसी रैकेट के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. भारत द्वारा निष्कासित पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी महमूद अख्तर से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं. दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में महमूद अख्तर ने खुलासा किया कि दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के 16 और कर्मचारी जासूसी के इस रैकेट में जुड़े हुए हैं.

PAK उच्चायोग के जरिए चल रहा था जासूसी रैकेट PAK उच्चायोग के जरिए चल रहा था जासूसी रैकेट
संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 10:45 AM IST

भारत में पाकिस्तान के उच्चायोग के जरिए चल रहे जासूसी रैकेट के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. भारत द्वारा निष्कासित पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी महमूद अख्तर से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं. दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में महमूद अख्तर ने खुलासा किया कि दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के 16 और कर्मचारी जासूसी के इस रैकेट में जुड़े हुए हैं.

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महमूद ने खुलासा किया है कि बीएसएफ और सेने से जुड़ी गोपनीय जानकारियां निकालवाने के लिए ये लोग अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों से जुड़े हुए थे. उन्हें लगातार पैसे पहुंचाए जा रहे थे और संवेदनशील जानकारियां निकाली जा रही थी. महमूद के इस खुलासे की जांच एजेंसियां पुष्टि करने की कोशिश कर रही हैं. और अगर ये दावे सही पाए जाते हैं तो विदेश मंत्रालय को इस बारे में आगे की कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा.

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी महमूद से पूछताछ की थी. कूटनीतिक नियमों के तहत दिल्ली पुलिस ने महमूद को गिरफ्तार तो नहीं किया लेकिन उसे 48 घंटे में भारत छोड़ने का फरमान सुनाया गया. इस जासूसी रैकेट से जुड़े कई लोगों की अबतक गिरफ्तारी हो चुकी है. जिसमें राजस्थान के नागौर से 3 लोग और एक सांसद के पीएम के रूप में काम करने वाले शख्स की भी इस मामले में गिरफ्तारी हो चुकी है.

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जांच एजेंसियां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की शह पर भारत में स्थित उच्चायोग के जरिये चल रहे जासूसी रैकेट की तह तक जाने के लिए तमाम पहलूओं से जांच कर रही हैं.

क्राइम ब्रांच की टीम ने राजस्थान में सीमा से सटे कई इलाकों में छापेमारी की है. उन लोगों की तलाश की जा रही हैं जो अख्तर और उससे जुड़े लोगों के संपर्क में थे और जिनके जरिए सुरक्षाबलों की मूवमेंट की संवेदनेशील जानकारी पहुंचाई जा रही थी. क्राइम ब्रांच की दो टीमें अभी राजस्थान में हैं. इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या ये जासूसी रैकेट कुछ रिटायर्ड अफसरों के संपर्क में भी था.

इस मामले का खुलासा दिल्ली पुलिस ने किया था. महमूद को गोपनीय दस्तावेजों के साथ हिरासत में लिया गया था. हालांकि, उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता था इसलिए पूछताछ के बाद रिहा कर दिया गया. इसी मामले में दो पाकिस्तानी जासूसों को मौलाना रमजान और सुभाष जहांगीर को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस के अनुसार ये दोनों पाक उच्चायुक्त को खुफिया जानकारी देते थे. दोनों राजस्थान के नागौर के रहने वाले हैं. यह रैकेट एक साल से सक्रिय था. इनके पास से डिफेंस से जुड़े मैप, बीएसफ अधिकारियों की लिस्ट और कई वीजा बरामद हुआ था.

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