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जानिए, किस तरह तैयार किया जाता है राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर?

2003 में भारत सरकार ने NRC को तैयार करने के लिए नियमों को अधिसूचित किया. साथ ही इस प्रक्रिया को कैसे पूरा किया जाएगा, ये भी साफ किया.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
आनंद पटेल
  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 7:15 PM IST

  • NRC को असम के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में किया गया तैयार
  • 2003 में सरकार ने NRC को तैयार करने के लिए नियमों को किया अधिसूचित

राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को असम के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में तैयार किया गया. वहीं मोदी 2.0 सरकार संकेत दे चुकी है कि देश भर के लिए भी ऐसी कवायद को अंजाम दिया जा सकता है. उधर विपक्षी दल NRC को हाल ही में अस्तित्व में आए नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) से जोड़ कर देख रहे हैं. असम समेत देश के कई हिस्सों में CAA को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.  

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2003 में भारत सरकार ने NRC को तैयार करने के लिए नियमों को अधिसूचित किया. साथ ही इस प्रक्रिया को कैसे पूरा किया जाएगा, ये भी साफ किया.

NRC में देश के हर नागरिक की ये जानकारियां होंगी-

 (i) नाम;

(ii) पिता का नाम;

(iii)माता का नाम;

(iv) लिंग;

(v) जन्मतिथि;

(vi) जन्म का स्थान;

(vii) रिहाइशी पता (वर्तमान और स्थायी);

(viii) वैवाहिक स्थिति, यदि विवाहित तो जीवनसाथी का नाम;

(ix) शरीर पर पहचान के चिह्न;

(x) नागरिक के पंजीकरण की तिथि;

(xi) पंजीकरण का अनुक्रमांक और

(xii) राष्ट्रीय पहचान संख्या

NRC को कैसे अंजाम दिया जाएगा:

1.   देश भर में घर घर जाकर हर परिवार और हर नागरिक की जानकारी जुटाई जाएगी, जो स्थानीय क्षेत्र में रहते हैं. उनकी नागरिकता का क्या दर्जा है, इसका भी उल्लेख होगा

2.  नागरिकता पंजीकरण के रजिस्ट्रार जनरल अवधि और गणना के समय को आधिकारिक गजट में अधिसूचित करेंगे.

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3.  एकत्र की गई जानकारी का सत्यापन और जांच स्थानीय रजिस्ट्रार की ओर से की जाएगी, फिर इसे NRC से जोड़ा जाएगा.

4.  सत्यापन प्रक्रिया पूरी होते ही संदिग्ध नागरिकता के मामले में व्यक्ति या परिवार को खास प्रारूप में तत्काल सूचित किया जाएगा.

5.  संदिग्ध नागरिकता के मामलों को उप-जिला या तालुक रजिस्ट्रार की ओर से सुनवाई की जाएगी. इसके लिए एंट्री दर्ज होने के 90 दिन या तार्किक बढ़ी हुई समयावधि में सुना जाएगा.

6.  भारतीय नागरिकों के स्थानीय रजिस्टर के ड्राफ्ट को प्रकाशित किया जाएगा.

इसके बाद जो होगा वो ये है-

a)  उप जिला या तालुक रजिस्ट्रार परिवार या व्यक्तियों की जुटाई गई जानकारी को लेकर किसी नाम को शामिल करने, त्रुटि दूर करने के लिए आपत्तियों को आमंत्रित करेगा. इसके बाद उसे अंतिम तौर पर NRC में शामिल करने के लिए प्रस्तावित किया जाएगा.   

b) भारतीय नागरिकों के स्थानीय रजिस्टर में किसी खास एंट्री को लेकर या किसी नाम को शामिल किए जाने के लिए या किसी त्रुटि को दूर करने के लिए आपत्तियां ड्राफ्ट के प्रकाशन की तिथि के 30 दिन के भीतर दर्ज कराई जा सकेंगी.  

(c) उप जिला या तालुक रजिस्ट्रार ऐसी आपत्तियों पर गौर करेंगे और 90 दिन में उसका निस्तारण कर देंगे.

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(d)  स्थानीय रजिस्टर को तब जिला रजिस्ट्रार के पास भेजा जाएगा, वहां से इसे NRC को भेजा जाएगा.

 7.  किसी को कोई शिकायत है तो वो उप जिला रजिस्ट्रार के आदेश की तिथि से 30 दिन के अंदर जिला रजिस्ट्रार से अपील कर सकेगा. जिला रजिस्ट्रार अपील की तारीख से 90 दिन की अवधि में अंतिम फैसला लेगा. अगर अपील को मंजूर कर लिया डाता है तो वो जानकारी NRC में दाखिल की जाएगी.

नागरिकता पंजीकरण के रजिस्ट्रार जनरल या उनके द्वारा अधिकृत कोई अधिकारी हर नागरिक को राष्ट्रीय पहचान कार्ड जारी करेगा और उसकी जानकारी NRC में दर्ज होगी. 

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