
फेसबुक का एक खास फीचर ट्रेडिंग टॉपिक्स पिछले कुछ महीनों से विवादों में है. कंपनी इल्जाम लगा कि इसके ट्रेंडिंग टॉपिक्स पूर्वाग्रह वाले होते हैं. कंपनी पर यह भी आरोप लगे हैं कि पैसे देकर कई टॉपिक ट्रेंड कराए जा रहे हैं. अब इस ट्रेंडिंग टॉपिक पर नए तरह का आरोप लग रहा है.
अमेरिकी न्यूज चैनल फॉक्स न्यूज की एक एंकर हैं मेगिन केली. इंटरनेट पर एक स्टोरी वायरल होनी शुरू हुई. उस स्टोरी के मुताबिक उन्हें न्यूज चैनल ने इसलिए निकाल दिया, क्योंकि उन्होंने डेमोक्रैटिक कैंडिडेट हिलेरी क्लिंटन का सपोर्ट किया था. इसके बाद दूसरी पार्टी के लोगों ने इंटरनेट पर उनकी आलोचना करनी शुरू कर दी.
स्टोरी वायरल होने पर इसे फेसबुक के ट्रेंडिंग टॉपिक्स प्रमुखता से दिखाई गई . गौरतलब है कि फेसबुक के मेन पेज पर बने इस ट्रेंडिग टॉपिक्स को हर महीने 1.7 बिलियन लोग देखते हैं.
चौंकाने वाली बात यह है कि न तो उस न्यूज ऐंकर ने हिलेरी क्लिंटन का सपोर्ट किया था और न ही उन्हें न्यूज चैनल से निकाला गया है. यानी फेसबुक ट्रेंडिंग टॉपिक्स में ट्रेंड करने वाली स्टोरी झूठी साबित हुई.
फॉक्स न्यूज ने इस घटना को एक गलती बताई और फेसबुक से इस मुद्दे पर बात की है और इसे वाहियात बताया है.
इससे पहले जब फेसबुक पर पूर्वाग्रह ट्रेंडिग टॉपिक का आरोप लगा था तो कंपनी ने इसे लगभग पूरी तरह से कंप्यूटर आधारित कर दिया था. इस विभाग से 26 कर्मचारियों को हटा दिया गया था जिसमें 19 न्यूज क्यूरेटर और 7 कॉपी एडिटर थे. हालांकि कंपनी के मुताबिक कुछ कर्मचारी अभी भी इस विभाग में है जो टॉपिक की गुणवत्ता को देखते हैं.
बताया जा रहा है कि फेसबुक ट्रेंडिग टॉपिक विभाग के लोगों ने इस स्टोरी को इस वजह से जगह दी क्योंकि इसके बारे में ज्यादा लिखा जा रहा था. सवाल यह है कि क्या मशीन के जरिए खबरों की गुणवत्ता की जांच की की जा सकती है. क्योंकि कंपनी का दावा है कि पूर्वाग्रह खत्म करने के लिए कंपनी ने ट्रेंडिग टॉपिक्स को मशीन के भरोसे छोड़ रखा है.