Advertisement

फेसबुक ने फर्जी खबरों से निपटने के लिए फैक्ट चेकिंग सस्थानों से मिलाया हाथ

खास बात यह है कि अगर एक बार किसी स्टोरी को फेसबुक की तरफ से गलत(FALSE) मार्क कर दिया गया तो जैसे ही उस स्टोरी को कोई यूजर शेयर करेगा उसे न पोस्ट करने की चेतावनी दी जाएगी.

फेक स्टोरीज से निपटने के लिए फेसबुक का नया टूल फेक स्टोरीज से निपटने के लिए फेसबुक का नया टूल
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 1:01 PM IST

सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक ने फर्जी न्यूज से निपटने के लिए अपने नए टूल्स की शुरुआत कर दी है. काफी आरोप लगने के बाद हाल ही में कंपनी के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने हाल ही में फेसबुक पर फर्जी न्यूज से निपटने के लिए कूछ टूल्स लाने का ऐलान किया था.

फेसबुक ने एक ऐसा टूल डिजाइन किया है जिससे न्यूज फीड में शेयर की जा रहीं फर्जी खबरों को रिपोर्ट करना आसान हो. इसके अलावा कंपनी चार स्वतंत्र फैक्ट चेकिंग कंपनियों के साथ भी काम कर रही है. इसके तहत वायरल खबरों की पड़ताल की जाएगी और गलत पाए जाने पर उसे हटाया जाएगा.

Advertisement

खास बात यह है कि अगर एक बार किसी स्टोरी को फेसबुक की तरफ से गलत (FALSE) मार्क कर दिया गया तो जैसे ही उस स्टोरी को कोई यूजर शेयर करेगा उसे वॉर्निंग दी जाएगी.

शुरुआती दौर में फेसबुक ने स्नोपस, पोलिटिफैक्ट, एबीसी न्यूज और फैक्टचेक डॉट ऑर्ग के साथ फेक न्यूज से निपटना शुरू किया है. आने वाले दिनों दूसरी कंपनियों को भी इसमें जोड़ा जाएगा. ये सभी इंटरनेशल पॉलिनटर इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग नेटवर्क के मेंबर हैं जो एक कॉमन सिद्धांत पर काम करते हैं.

फेसबुक पर इन दिनों होक्स यानी फर्जी कंटेंट वाले पोस्ट वायरल होते हैं जिन्हें कई लोग सच समझ लेते हैं. ऐसे ही कंटेंट से निपटने के लिए फेसबुक के साथ मिलकर ये संस्थान उन यूजर्स को सचेत करेंगे जो ऐसा करते हैं.

इसके लिए फेसबुक फर्जी न्यूज को पहचाने के लिए कई तरीके सिग्नल का यूज करेगी. इस सिग्नल में वैसी स्टोरीज शामिल होंगी जिन्हें लोगों ने पहले पोस्ट किए और बाद में डीलिट कर लिए और उन स्टोरी पर उसके फर्जी होने के बारे में ज्यादा कमेंट्स किए गए हैं. फेसबुक के मुताबिक वो एक डैशबोर्ड तैयार करेगी जिसपे ऐसी स्टोरीज दिखेंगी और वहां से फैक्ट चेकिंग पार्टनर्स उन फेक स्टोरीज को ऐक्सेस कर सकेंगे. इसके बाद उनकी जांच शुरू होगी और वो फिर उसे गलत मार्क कर सकेंगे.

Advertisement

अगर दो फैक्ट चेकिंग संस्थानों ने किसी खबर को गलत मार्क किया है तो यूजर को उस आर्टिकल के नीचे उसके बारे में दिखेगा कि यह स्टोरी गलत है. बैनर में कहा जाएगा, '3rd पार्टी चेकर्स इससे सही नहीं मानते'. यहां इसे हटाने का भी ऑप्शन दिया जाएगा.

इस सब के बावजूद भी अगर यूजर उस फर्जी खबर को पोस्ट करना चाहेगा तो उसके पास एक पॉप अप आएगा जिसमें बताया जाएगा कि थर्ड पार्टी फैक्ट चेकिंग संस्थानों ने इससे आपत्ति जचाई है. हालांकि फिर भी इसे पोस्ट किया जा सकेगा, लेकिन ये पोस्ट फेसबुक के एडवर्टाइजिंग टूल के जरिए प्रोमोट नहीं किए जा सकेंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement