
इंटरनेट से महरूम लोगों को कनेक्टिविटी दिलाने के मकसद से तैयार किया गए फेसबुक के सोलर ड्रोन Aquila ने टेस्टिंग के लिए अपनी पहली उड़ान भरी. फेसबुक के मुताबिक हाई एल्टिट्यूड पर इसे टेस्ट किया गया है और यह दुनिया के रिमोट एरिया में लोगों तक इंटरनेट पहुंचाएगा.
इस ड्रोन के विंग्स एक साधारण एयरलाइन जितने ही बड़े हैं लेकिन इसका वजन एक कार से भी कम है. उड़ान के दौरान यह सिर्फ 5,000 वाट की खपत करता है. यानी यह किसी पावरफुल माइक्रोवेव या तीन हेयरड्रायर जितनी पावर की खपत करता है.
गौरतलब है कि इस 28 जून को Arizona में इस ड्रोन ने पहली उड़ान भरी थी . फेसबुक के मुताबिक यह उम्मीद पर खरा उतरा और 90 मिनट तक उड़ जो उम्मीद से तीन गुना था.
फेसबुक की कवायद इस ड्रोन के जरिए सब सहारन अफ्रिका और दूसरे रिमोट एरिया में इसके जरिए लगभग 1.6 बिलियन लोगों को इंटरनेट दिलाने की है.
फेसबुक इंजीनियरिंग और इंफ्रांस्ट्रक्चर हेड जय पारेख ब्लॉग पोस्ट में कहा है, ' हम इसकी सफल उड़ान से काफी खुश हैं, लेकिन अभी आगे बहुत काम बाकी है. अगले टेस्ट में हम इसे और तेज, ऊपर और ज्यादा देर तक उड़ाएंगे. उम्मीद है कि हम इसे 60,000 फिट तक उड़ा सकेंगे'
जानिए क्या है यह परियोजना
फेसबुक फाउंडर मार्क जकरबर्ग ने अकीला परियोजना के नाम से एक विशालकाए ड्रोन नुमा सोलर एयरक्राफ्ट का निर्माण कराया है जिसकी मदद से दूरदराज के ग्रामीण इलाकों इंटरनेट की सुविधा मुहैय्या कराया जा सकेगा. मार्क जकरबर्ग ने इस एयरक्राफ्ट को बनवाने में ब्रिटेन के मशहूर एयरोस्पेस वैज्ञानिकों की मदद ली है. इस एयरक्राफ्ट का आकार बोइंग 737 विमान के पंख के बराबर होगा.
फेसबुक के मुताबिक यह परियोजना दुनिया के 10 प्रतिशत लोगों को इंटरनेट प्रदान करेगा जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है. आईए जानते हैं क्या है यह परियोजना.
खराब मौसम का नहीं पड़ेगा असर
ज्यादा ऊंचाई की वजह से इस एयरक्राफ्ट पर मौसम का कोई असर नहीं पड़ेगा. यह एयरक्राफ्ट 10 गीगाबाईट्स प्रति सेकेंड के स्पीड से इंटरनेट प्रदान करने में सक्षम होगा.
400 किग्रा है वजन
यह एयरक्राफ्ट देखने में किसी फिल्म का खुफिया बॉम्बर विमान जैसा लगता है पर इस ड्रोन में हाई स्पीड इंटरनेट प्रदान कराने के तमाम उपकरण मौजूद हैं. इंटरनेट उपलब्ध कराने वाले तमाम उपक्रण से लैस इस एयरक्राफ्ट का वजन 400 किलोग्राम होगा जो कि यूएस मिलिट्री के ड्रोन से काफी कम है.